सिंधिया खेमा अपने जिले, अपने मोहरे
ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के तुलसी सिलावट, गोविंद राजपूत और प्रद्युम्न तोमर को सिंधिया के क्षेत्र के जिलों का ही प्रभार मिला। ग्वालियर, गुना, शिवपुरी इन्हीं के प्रभाव क्षेत्र का है। साफ है कि सिंधिया अपने इलाके में दखल नहीं चाहते हैं। कैलाश को बड़ा जिला नहीं कैलाश विजयवर्गीय को बड़े जिले की कमान नहीं मिली है। सतना और धार की जिम्मेदारी मिली है। ऐसी ही स्थिति प्रहलाद पटेल की भी रही, उन्हें भिण्ड-रीवा मिले।उपमुख्यमंत्रियों की परीक्षा
राजेंद्र शुक्ल को सागर, शहडोल और जगदीश देवड़ा को जबलपुर-देवास की जिम्मेदारी दी है। शुक्ल को सागर में मंत्री राजपूत के साथ गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह को साधना चुनौती होगी। देवड़ा को जबलपुर में मंत्री राकेश सिंह के साथ अजय विश्नोई को भी साधना होगा।
नाराज नागर को मिले छोटे जिले
वन व पर्यावरण विभाग लेने से नाराज हुए मंत्री नागर सिंह चौहान को दो जिले आगर और उमरिया का जिम्मा दिया गया है, ताकि उनकी नाराजगी दूर हो। वहीं वन मंत्री रामनिवास रावत को मंडला और दमोह की जिम्मेदारी दी गई है।सावन में नगर सरकार की बल्ले-बल्ले
सावन में नगर सरकार की बल्ले-बल्ले हो गई। 16 महीने बाद फिर महापौर, नपा अध्यक्ष व पार्षदों के मानदेय में 20% वृद्धि का ऐलान किया गया। अब नगर निगम के महापौर का मानदेय 22 हजार से बढ़कर 26,400 रुपए होगा। सितंबर के मानदेय में जोड़कर बढ़ी राशि मिलेगी।सांसदों के वेतन-भत्ते 2.30 लाख रु. से अधिक
सांसदों का मूल वेतन प्रति माह 1 लाख रुपए है। भत्तों के साथ 2.30 लाख मिलते हैं। वेतन-दैनिक भो में 5 साल में वृद्धि का प्रावधान है। यात्रा भत्ते, सदन के सत्र, समिति की बैठक में शामिल होने पर अलग से भत्ते मिलते हैं।
राज्य कर्मचारियों ने मांगा 50% डीए
अब राज्य कर्मचारियों ने भी केंद्र की तरह समान डीए देने के लिए सरकार पर दबाव बनाया है। राज्य कर्मचारियों का 46% डीए है, जबकि केंद्रीय कर्मचारी को 50% मिल रहा है।