क्या दो महीने में हो पाएगा परिसीमन
राज्य सरकार की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि वह पुनर्गठन का काम 2 महीने में पूरा कर लेगी। हालांकि, इस कई जानकारों का मानन है कि यह लंबी प्रक्रिया है। इसमें अभी काफी समय लगने की गुंजाइश है। मध्यप्रदेश में कुल 10 संभाग है। जिसमें 56 जिले और 430 तहसीलें हैं। नई सीमाओं को तय करने के लिए हर संभाग, जिले, तहसील और ब्लॉक लेवल पर रिपोर्ट मांगी जाएगी। फिर उसको देखकर मंथन किया जाएगा। इसके बाद देखा जाएगा कि जिला मुख्यालय से तहसील या ब्लॉक से कितनी दूरी है। इसके साथ ही क्या-क्या विसंगतियां है। आयोग को देखना होगा कि राजस्व, वन, नगरीय निकाय और पंचायत विभाग समन्वय कैस किया जा सकता है। सभी सीमाओं अध्यन करने के बाद ही फाइनल रिपोर्ट तैयारी की हो पाएगी।
देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश को क्षेत्रफल के हिसाब से देखा जाए तो यह दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। यहां पर जिला, तहसील और ब्लॉक के नए सिरे से गठन करने की मांग की जा रही है। इसमें कई विसंगतियां हैं। बीते कई सालों में नए जिले और तहसील के गठन के बाद और विसंगतियां बढ़ गई है। सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि जब हमने सरकार बनाई तो हमने इस बात पर ध्यान दिया कि मध्यप्रदेश भौगोलिक दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। उसका क्षेत्रफल तो है लेकिन इसमें समय के साथ कुछ कठिनाइयां भी आई हैं। जिले तो बढ़ गए हैं, लेकिन सीमाओं को लेकर विसंगतियां हैं।
ये 6 तहसीलें बनेंगी जिला?
परिसीमन के दौरान कई जिले और तहसीलें बन सकती हैं। भौगोलिक दृष्टि से बीना, चाचौड़ा, खुरई, जुन्नारदेव, लवकुशनगर और मनावर को जिला बनाने की मांग लगातार उठ रही है। पुनर्गठन आयोग बनने से पहले इस पर विचार किया जा सकता है। क्योंकि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पहले भी कह चुके हैं कि कई टोले, मजरे और पंचायतों के लोगों को जिला, संभाग, तहसील विकासखंड तक पहुंचने के लिए 100-150 किलोमीटर तक के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे क्षेत्रों से दूसरे जिले, संभाग, विकासखंड और तहसील मुख्यालय नजदीक हैं। कई संभाग बड़े-छोटे हो गए हैं। ऐसे में विसंगतियों को दूर करने के लिए नया परिसीमन आयोग बनाया गया है।