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भोपाल

बदलने वाला है एमपी का नक्शा, सीएम का नया पायलेट प्रोजेक्ट होने वाला है शुरू

मध्यप्रदेश की नई सरकार में नए प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम शुरू किया जा रहा है। प्रदेश के नए मुखिया सीएम डॉ. मोहन यादव ने एक नए पायलेट प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द आगे बढ़ाने के निर्देश दे दिए हैं। आप भी जानें पॉलिटिकल मेप के तहत जनता के सामने आने वाली समस्याएं और सीएम डॉ. मोहन यादव के नये पायलेट प्रोजेक्ट के बारे में वो सबकुछ जो आपके लिए जानना जरूरी है…

भोपालJan 02, 2024 / 11:25 am

Sanjana Kumar

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मध्यप्रदेश की नई सरकार में नए प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम शुरू किया जा रहा है। प्रदेश के नए मुखिया सीएम डॉ. मोहन यादव ने एक नए पायलेट प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द आगे बढ़ाने के निर्देश दे दिए हैं। जनता की सुविधाओं का खास ख्याल रखते हुए सीएम ने मध्यप्रदेश के वर्तमान संभागों और जिला स्तर तक की सीमाओं को बदलने की तैयारी कर ली है। यह बदलाव किसी एक संभाग या जिले पर नहीं बल्कि प्रदेश के लगभग सभी संभागीय और जिला स्तरीय सीमाओं पर किया जाएगा। यानी जैसे ही प्रोजेक्ट पूरा होता है आपको मध्यप्रदेश का एक नया पॉलिटिकल मेप नजर आएगा। आप भी जानें पॉलिटिकल मेप के तहत जनता के सामने आने वाली समस्याएं और सीएम डॉ. मोहन यादव के नये पायलेट प्रोजेक्ट के बारे में वो सबकुछ जो आपके लिए जानना जरूरी है…

दरअसल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों की जरूरतों और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए संभागीय और जिला स्तरीय सीमाओं के पुनर्निधारण को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सीएम बाकायदा एक कमेटी गठित करने जा रहे हैं। ये कमेटी इस पायलेट प्रोजेक्ट पर फील्ड वर्क करेगी। बारीकी से किए गए अध्ययन की रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी। इंदौर से होगी इस पायलेट प्रोजेक्ट की शुरुआत मध्यप्रदेश की सीमाओं के पुनर्निर्धारण को लेकर तैयार किए जा रहे इस पायलेट प्रोजेक्ट की शुरुआत प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से की जाएगी। सीएम ने थानों की सीमाओं का पुनर्निर्धारण जल्द से जल्द करने संबंधी निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

बदल सकती हैं संभागीय सीमाएं

नर्मदापुरम संभाग मेें सिर्फ तीन जिले हैं। इससे नरसिंहपुर जिले की सीमाएं लगी हुई हैं। वर्तमान में नरसिंहपुर का संभागीय मुख्यालय जबलपुर है। नर्मदापुरम संभाग में नरसिंहपुर जिला शामिल किया जा सकता है। अभी जबलपुर संभाग में 8 जिले हैं। इसी तरह शहडोल जिले में तीन जिले हैं, डिंडोरी जिला शहडोल से सटा हुआ है। इसे जबलपुर संभाग से अलग कर शहडोल में मिलाया जा सकता है।

अब तक थी ये परेशानी

– मंडीदीप की सीमाएं भोपाल से 10 किलोमीटर तक हैं और मंडीदीप का जिला मुख्यालय रायसेन है। मंडीदीप के लोगों को रायसेन के लिए भोपाल आना पड़ता है। यह दूरी 70 किलोमीटर से भी ज्यादा है।

– इंदौर संभाग के बड़वानी जिले की सीमा बड़वानी शहर से 4 किलोमीटर दूर खत्म होती है। इस सीमा से धार जिले की कुक्षी और निसरपुर तहसील लगी है। जिला मुख्यालय 100 किमी से ज्यादा दूर है। कुक्षी और निसरपुर तहसील को बड़वानी में शामिल किया जाता है, तो दोनों तहसीलों की दूरी कम होकर 10 से 12 किमी की ही रह जाएगी।

– पीथमपुर इंदौर से सटा है, लेकिन जिला मुख्यालय धार 60 किलोमीटर है। – बसई तहसील दतिया के अंतर्गत आती है। 90 से 100 किमी की दूरी और जाने के लिए झांसी (यूपी) होकर जाना होता है। जबकि बसई की सीमाएं निवाड़ी जिले से लगी हैं।

– मालनपुर भिंड जिले में है और ग्वालियर जिले से 16 किलोमीटर है।

– कोलार थाने की सीमाएं 45 किलोमीटर तक फैली हैं। जबकि यह मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा थाना है। इसकी सीमाएं रायसेन जिले के मंडीदीप थाने से लगी हैं। कोलार थाने में आने वाले क्षेत्र मंडीदीप और चूनाभट्टी थाने में शामिल किए जा सकते हैं। वहीं कोलार थाने का क्षेत्र बड़ा होने से इसमें से कजलीखेड़ा को नया थाना बनाया जाना पहले से ही प्रस्तावित है।

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