भोपाल. ग्वालियर अंचल में पांच दिन से लगातार बारिश और नदियों के उफान के बाद कई जगहों पर अब जनजीवन सामान्य होने की दिशा में बढ़ रहा है। शिवपुरी में पांचवें दिन भी रुक-रुक कर बारिश होती रही। चंबल, क्वारी और सिंध नदी का जलस्तर नीचे खिसका है। शिवपुरी शहर सहित जिले में करीब 900 लोग बाढ़ में फंसे रहे, जिनको एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व सेना के जवानों सहित पुलिस और प्रशासन की टीम ने सुरक्षित बाहर निकाल कर राहत शिविरो में पहुंचाया है।
सेना के आधा दर्जन हेलिकॉप्टर बचाव कार्य में तीन दिन से लगे हैं। 53 लोगों को गुरुवार को एयरलिफ्ट व शेष को अन्य साधनों से पानी में से निकाला गया। सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए लोग जब अपने घर वापस पहुंच रहे हैं तो उन्हें सब कुछ तबाह ही मिल रहा है। जिले में बाढ़ से तीन सैकड़ा किसानों की फसलें, एक सैकड़ा लोगों के मकान टूटने, पुलिया, सडक़ें आदि टूटने व सामान खराब होने से करीब 100 करोड़ रुपए का नुकसान आंका जा रहा है। पानी के तेज बहाव में लगभग 300 किसानों की फसल बर्बाद हो गई। बाढ़ के कारण जिले मे 11 लोगों की जान भी गई है।
तालाब फूटने वाला है, घरों से चले जाएं शिवपुरी शहर में स्थित प्राचीन मनियर तालाब ओवरफ्लो हो गया है। गुरुवार की दोपहर 3 बजे एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर एनाउंसमेंट कर दिया कि तीन घंटे में आप लोग अपने घर से निकलकर मानस भवन में पहुंच जाएं, तालाब फूटने वाला है। अगर लोग बस्ती खाली नहीं करते तो फोर्स से खाली कराई जाएगी।
श्योपुर में शहर के 50 फीसदी से ज्यादा इलाकों के साथ ही बड़ौदा, विजयपुर, कराहल, वीरपुर, मानपुर क्षेत्र के दर्जनों गांवों में भारी नुकसान हुआ है। बारिश थमने के बाद सीप, कुनो, क्वारी, अहेली नदियां तो शांत हो गई, लेकिन पार्वती और चंबल नदी उफान पर है। पार्वती का जलस्तर खातीली पुल के ऊपर रहने के कारण श्योपुर-कोटा मार्ग लगातार चौथे दिन भी बंद रहा।
गांव तो दूर शहर में भी प्रशासन की मदद नहीं पहुंच पाई है, जिससे लोग सडक़ों पर लोग बार-बार जाम लगा रहे हैं। शहर के मालियों के मोहल्ले में कलेक्टर और एसपी को आक्रोशित लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। लोगों ने कलेक्टर राकेश श्रीवास्तव व एसपी संपत उपाध्याय के साथ झूमाझटकी कर दी। कलेक्टर की गाड़ी का शीशा फोड़ दिया। दोनों को भागकर जाना पड़ा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को डबरा-भितरवार में बाढग़्रस्त इलाकों में पहुंचे। पीडि़तों से कहा कि जिनके घर टूट गए हैं, ढह गए है और बह गए हैं उन सभी के सरकार मकान बनवाएगी। किसी को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। चांदपुर वार्ड क्र. 28 में बाढ़ प्रभावित गांव का दौरा करने पहुंचे मुख्यमंत्री ने ट्रॉली पर खड़े होकर कलेक्टर को तत्काल सर्वे कराने के निर्देश दिए। हालांकि कई ग्रामीण नखुश थे। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री केवल कुछ क्षेत्रों को देखकर चले गए। उनके साथ प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट थे।
इधर भिण्ड जिले के सिंध नदी के तटवर्ती गांवों में बाढ़ की स्थिति अभी भी है। एनडीआरएफ और आर्मी जवानों के अलावा एसडीआरएफ और होमगार्ड के जवान रेस्क्यू कर रहे हैं अभी तक 200 से ज्यादा गांव से करीब 5000 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। लहार क्षेत्र के मड़ोरी निवसाई में ३ रात और 2 दिन से टापू पर पानी से चारों ओर फंसे रहे 3 दर्जन से ज्यादा परिवारों ने अंधेरे का सामना किया।
धर, रौन क्षेत्र के मेहदा गांव में करीब 400 लोग एक बिहार के टीले पर पिछले 3 दिन से वक्त गुजार रहे हैं। ऐसे में जो खाने का सामान अब खत्म हो गया है। उमरी सर्कल अंतर्गत चुनाई, डोनिया पुरा खीरा श्यामपुरा और जखमोली के अलावा दाह का पुरा में करीब डेढ़ हजार लोगों के फंसे होने की सूचना है।
मुरैना में चंबल नदी का जलस्तर अब घटकर 143. 70 मीटर पर आ गया है। सुबह 144. 70 मीटर था। वही क्वारी का भी जलस्तर गिर गया है। प्रशासन का दावा है कि 68 गांवों से 4596 लोगों को रेस्क्यू करके निकाला जा चुका है। अधिकांश गांवों से लोग अपने संसाधनों से निकल आए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आर्मी के जवानों ने मोर्चा संभाल रखा है। दो दिन से मंदिर पर फंसे बाबा को निकाल लिया है, इसके लिए दो किमी तक नाव को सिर पर रखकर ले जाना पड़ा।
दतिया में कई गांवों में मवेशी लापता हो गए हैं. सनकुआ घाट पर सिंध नदी का पानी 25 फीट नीचे तक आया है। नदी का जलस्तर गिरने से गांवों में भरा पानी भी कम हो गया है। बाढ़ में फंसे सभी लोगों को गुरुवार को ही रेस्क्यू कर निकाल लिया था। वर्तमान में किसी भी व्यक्ति के बाढ़ में फंसे होने की जानकारी नहीं है। बाढ़ के बाद कई गांवों में अनेक मवेशी लापता हैं।