छिंदवाड़ा क्षेत्र में 7 विधानसभा सीटें हैं, जबकि एक लोकसभा सीट है। इन सीटों पर शुरू से ही कांग्रेस और कमलनाथ का ही दबदबा रहा है। भाजपा कमलनाथ के गढ़ में पकड़ बनाने के लिए अमेठी की तर्ज पर रणनीति बना रही है। जिस प्रकार राहुल गांधी को पराजित करने के लिए स्मृति ईरानी ने अमेठी में प्लानिंग की थी, उसी प्रकार से भाजपा की राज्यसभा सांसद और एमपी के पूर्व मंत्री भेरूलाल पाटीदार की बेटी कविता पाटीदार ने छिंदवाड़ा में कदम रखा है। मालवा क्षेत्र की चर्चित कविता इन दिनों छिंदवाड़ा में सक्रिय हैं। कविता पहले इंदौर जिला पंचायत की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
छिंदवाड़ा में क्यों एक्टिव हैं कविता
मालवा क्षेत्र की रहने वाली कविता छिंदवाड़ा में लगातार एक्टिव हैं। भाजपा हाईकमान के निर्देश पर वे छिंदवाड़ा क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में दौरे कर रही है। बताया जा रहा है कि छिंदवाड़ा में गृहमंत्री अमित शाह की सभा को कामयाब बनाने की जिम्मेदारी भी कविता पाटीदार को दी गई थी। कविता ने इसे लेकर काफी मेहनत भी की थी। आंकड़ों के हिसाब से छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में करीब 35 प्रतिशत आबादी ओबीसी हैं।
ओबीसी चेहरा और महिला दोनों प्लस
कविता पाटीदार का महिला चेहरा और ओबीसी चेहरा भाजपा की रणनीति को प्रभावी बना सकता है, इसे लेकर भाजपा ने कविता को एक्टिव किया है। माना जा रहा है कि भाजपा छिंदवाड़ा के मैदान में किसी महिला को उतार सकती है।
क्या कहते हैं कमल पटेल
कुछ दिन पहले प्रभारी मंत्री कमल पटेल से जब मीडिया ने पूछा कि क्या कविता पाटीदार स्मृति ईरानी जैसा परिणाम दोहराएंगी तो इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि छिंदवाड़ा में कमलनाथ और नकुलनाथ वैसे ही चुनाव हारेंगे, जैसे अमेटी से राहुल गांधी हारे थे। कविता अमेठी जैसे सीन दोहराएंगी, इस सवाल के जवाब में पटेल ने कहा कि हां।
कविता के आग्रह पर गए आंचलकुंड
25 मार्च को छिंदवाड़ा दौरे पर आए गृहमंत्री अमित शाह पहले आदिवासी सिद्ध क्षेत्र आंचलकुंड जाने वाले थे, लेकिन उन्होंने कार्यक्रम निरस्त कर दिया और वे सीधे छिंदवाड़ा आ गए थे। इसके बाद वे वापस लौटने वाले ते। जब सभी दिग्गज नेता शाह के आसपास शांत बैठे थे, तभी कविता ने हिम्मत की और अमित शाह से आंचलकुंड जाने का आग्रह किया। शाह ने भी तत्परता दिखाते हुए आंचलकुंड का कार्यक्रम तय कर दिया और थोड़ी ही देर में वे जनजातीय तीर्थ के लिए रवाना हो गए थे। गौरतलब है कि यह सिद्ध क्षेत्र वही है जहां से कमलनाथ ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। यह आदिवासियों की आस्था का बड़ा केंद्र है।
कांग्रेस ने किया था पलटवार
हालांकि कांग्रेस की मीडिया उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने ट्वीट के जरिए कमल पटेल के बयान पर पलटवार किया था। शर्मा ने कहा था कि दीया बुझने के पहले की फड़फड़ाहट और हार के डर की बौखलाहट मंत्री कमल पेल के चेहरे पर देखी जा सकती है। कमल पटेल मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। पहले अपनी सीट बचाएं, फिर छिंदवाड़ा की तरफ मुंह उठाएं।