ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन मे कांग्रेस के मंत्री भी शामिल हैं। वहीं, ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सिंधिया के समर्थकों ने मांग की है कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो पार्टी छोड़ देंगे। वहीं, कमलनाथ सरकार के मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में आ गए हैं। प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने कहा था- प्रदेश में संगठन को खड़ा करने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ही सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं। वो युवा हैं और लोगों की बीच उनकी लोकप्रियता है ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष में मची खींचतान के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी नाराजगी की खबरें आईं थी। हालांकि सिंधिया ने हर मोर्चे पर यही कहा था कि पार्टी का जो भी फैसला होगा उन्हें मंजूर होगा। लेकिन इस दौरान सिंधिया ने अवैध रेत खनन को लेकर भी कमलनाथ सरकार पर हमला बोला था।
कमलनाथ सरकार के मंत्री उमंग सिंघार ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर कई आरोप लगाए थे। इसके बाद से सोनिया गांधी इस पूरे मामले में नाराज हैं। सोनिया ने सीएम कमल नाथ से मुलाकात की थी। प्रदेश कांग्रेस के मौजूदा विवाद को वरिष्ठ नेता एके एंटनी की अगुआई वाली केंद्रीय अनुशासन समिति को जांच के लिए भी सौंप दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को भी दो टूक संदेश दे दिया कि सरकार के संचालन में बाहरी दखल की शिकायतें ठीक नहीं है।