कुछ घंटों में शुरू होगी प्री-मानसून बारिश
Monsoon in madhya pradesh: भोपाल स्थित मौसम विभाग का कहना है कि केरल में मानसून की एंट्री से अब एमपी के लोगों को भी जल्द राहत मिलने वाली है। यहां संभवत: शुक्रवार (31 June) को गर्मी का आज आखिरी दिन है, शनिवार 1 जून से यहां प्री मानसून की एक्टिविटीज शुरू हो जाएंगी और भीषण गर्मी से राहत मिल जाएगी।
IMD ने कहा इस बार सामान्य से ज्यादा होगी बारिश
IMD ने इस मानसून 2024 सीजन (Monsoon 2024) में सामान्य से अधिक बारिश की जताई है। IMD के मुताबिक इस बार 106 फीसदी (87 सेमी.) बारिश हो सकती है। चार महीने के मानसून सीजन (Monsoon Season 2024) के लिए लॉन्ग पीरियड एवरेज (एलपीए) 86.86 सेमी. होता है।
कमजोर हुआ अल नीनो, ला नीना कराएगा सामान्य से ज्यादा बारिश
इस बार देश में अल नीनो प्रणाली कमजोर हो रही है वहीं ला नीना सक्रिय हो रहा है। ला नीना मानसून की बेस्ट प्रणाली है। जिसके कारण सामान्य से ज्यादा बारिश होती है।
एमपी में एक सप्ताह पहले करेगा एंट्री, भोपाल में 20 जून तय
मध्य प्रदेश में मानसून 15 जून को प्रवेश करेगा। वहीं राजधानी भोपाल में मानसून के आगमन की सामान्य तारीख 20 जून है। मौसम विशेषज्ञ जीडी मिश्रा ने बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो प्रदेश में 15 जून के आसपास आने वाला मानसून एक सप्ताह पहले ही पूरे प्रदेश में छा जाएगा। वहीं इस बार मानसून की एंट्री बालाघाट, डिंडौरी के रास्ते से होगी।
रेमल साइक्लोन खींच लाया जल्दी मानसून (Remal Cyclone Effect on Monsoon 2024)
आइएमडी के महानिदेशक एम. महापात्रा ने बताया कि रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से गुजरे चक्रवात रेमल (Remal Cyclone) ने मानसून के प्रवाह को बंगाल की खाड़ी की ओर खींच लिया। यह पूर्वोत्तर में मानसून जल्दी आने का एक कारण हो सकता है। आमतौर पर पूर्वोत्तर में मानसून 5 जून तक दस्तक देता है। आइएमडी केरल में मानसून के आगमन की घोषणा तब करता है, जब 10 मई के बाद किसी भी समय केरल के 14 केंद्रों और पड़ोसी क्षेत्रों में लगातार दो दिन तक 2.5 मिमी या उससे अधिक बारिश होती है, आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) कम होता है और हवाओं कीदिशा दक्षिण-पश्चिमी की ओर होती है।
रेमल साइक्लोन ने बदला मानसून पैटर्न
मौसम विशेषज्ञ जीडी मिश्रा के मुताबिक इस बार सात साल बाद ऐसा हो रहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल से ठकराया और एक साथ कई अधिकांश हिस्सों में छा गया। ऐसा दुर्लभ ही होता है। मौसम विभाग ने इस तरह के दुर्लभ मानसून के लिए रेमल साइक्लोन को जिम्मेदार माना है। उनका कहना है कि सात साल पहले 2017 में चक्रवात मोरा के कारण मानसून केरल और पूर्वोत्तर में एक साथ छा गया था। इसलिए इस बार चक्रवात रेमल को इस बदले पैटर्न के साथ मानसून जल्दी आने और एक साथ अधिकांश हिस्सों में जमकर बरसने का कारण माना है।
अगले 24 घंटे में आंधी-बिजली-बारिश का अलर्ट जारी
भोपाल के मौसम वैज्ञानिकों ने मध्य प्रदेश के अशोक नगर, शिवपुरी के साथ ही ग्वालियर-चंबल संभाग में लू के बीच हल्की बारिश का अलर्ट जारी किया है। यहां भिंड, मुरैना, सिंगरौली, सीधी, सतना, छतरपुर, पन्ना, निवाड़ी, मैहर में आज 31 मई को लू चलने के आसार हैं। वहीं अगले 24 घंटे में अनूपपुर, डिंडौरी, शहडोल, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, सागर, पांढुर्णा, विदिशा और श्योपुरकला में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक यहां 30-50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।