बताया जा रहा है कि मोहन सरकार की 20 साल के लिए 2500 करोड़ और 14 साल के लिए 2500 करोड़ लोन ले रही है। लेकिन, बात सिर्फ इसी साल की करें तो जनवरी से अबतक यानी महज 11 महीने में सरकार 40 हजार 500 करोड़ का कर्ज उठा चुकी है। वहीं, प्रदेश पर कुल कर्ज की बात करें तो राज्य की जनता 3 लाख 90 हजार करोड़ के कर्ज में दब चुकी है। राज्य सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के जरिए ये कर्ज ले रही है। इसके लिए सरकारी बांड या स्टॉक को गिरवी रखकर धनराशि जुटाई जाएगी। ई-ऑक्शन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 27 नवंबर को ये रकम राज्य सरकार के खजाने में डाल दी जाएगी।
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सरकार के वित्तीय रिकॉर्ड पर नजर डालें तो यह इस साल का नया बड़ा कर्ज होगा। पिछले 11 महीनों में राज्य सरकार 40,500 करोड़ रुपए कर्ज ले चुकी है। ये धनराशि राज्य की विकास योजनाओं और अन्य खर्चों के लिए इस्तेमाल होगी।
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लेकिन इस सब के चलते प्रदेश की जनता पर कर्ज का भार लगातार बढ़ता जा रहा है। मौजूदा समय में ही राज्य पर कुल कर्ज 3 लाख 90 करोड़ रुपए हो चुका है। वित्तीय जानकारों की मानें तो ये राज्य की वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर मुद्दा है।