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भोपाल

दूसरे के नाम की सिम का उपयोग पड़ रहा भारी, नहीं मिलता हर्जाना

साइबर फ्रॉड पीडि़तों को टेलीकॉम कंपनी नहीं मानती अपना ग्राहक

भोपालApr 29, 2019 / 10:14 am

KRISHNAKANT SHUKLA

sim cyber crime

दूसरे के नाम की सिम का उपयोग पड़ रहा भारी, नहीं मिलता हर्जाना

प्रवीण मालवीय, भोपाल. परिवार के सदस्य या किसी खास दोस्त की सिम का उपयोग करना सामान्य चलन है, लेकिन यह छोटी-सी लगने वाली बात आपको न केवल साइबर क्राइम का शिकार बना सकती है, बल्कि अपराध का शिकार बनने के बाद न्याय का रास्ता भी बेहद कठिन हो सकता है। साइबर फ्रॉड के शिकार दर्जनों लोग छोटी सी गलती के चलते परेशान हो रहे हैं।

इसी तरह के फ्रॉड की शिकार सैय्यद जमील के मामले में जमील ने अपना कई साल का रिकॉर्ड और अन्य तथ्यों के आधार पर सिम का असली उपयोगकर्ता खुद होने की बात सिद्ध कर दी और कोर्ट ने टेलीकॉम कम्पनी को हर्जाना देने के निर्देश दिए लेकिन दूसरे मामले में अभी बहस चल रही है, लेकिन सिम दूसरे के नाम होने पर न्याय मिलना मुश्किल हो रहा है।

केस- 01
कारोबारी सैय्यद सुल्तान जमील की सिम बंद करके लुटेरों ने 40 लाख से अधिक पार कर दिए। जमील ने बैंक और टेलीकॉम कंपनी से हर्जाने के लिए कोर्ट ऑफ एक्जीक्यूटिंग ऑफिसर में केस दायर किया तो टेलीकॉम कंपनी ने उन्हें अपने कर्मचारी के नाम जारी सिम उपयोग करने के आधार पर उपभोक्ता ही मानने से इंकार कर दिया। जमील ने कर्मचारी के नाम पर सिम से ही बैंक अकाउंट से लिंक करा लिया था।

केस- 02
इंदौर के उद्योगपति सुनील कुमार की सिम फर्जी तरीेके से बंद करके साइबर ठगों ने तीन लाख रुपए फर्जी एकाउंटस में ट्रांसफर कर लिए। सुनील के एकाउंट से लिंक सिम के उनके भाई के नाम पर होने बता कर टेलीकॉम कम्पनी ने उन्हें अपना उपभोक्ता ही मानने से इंकार कर दिया। दरअसल सुनील ने सरकारी कम्पनी की सिम मारामारी के दौर में अपने भाई को लाइन में लगवाकर सिम खरीदवाई जिसे वे वर्षों से चला रहे थे।

ऑनलाइन फ्रॉड का आसान शिकार

प्रदेश के लाखों लोग परिवारजन या दोस्तों की सिम उपयोग करते हैं, ऐसे में साइबर ठगी के बाद वे मिलने वाले हर्जाने से भी वंचित रह सकते हैं।

साइबर एक्सपर्ट एवं कोर्ट ऑफ एक्जीक्यूटिंग ऑफिसर के एडवोकेट यशदीप चुतर्वेदी का कहना है कि सिम से बैंक खाते से लेकर ऑनलाइन पेमेंट वॉलेट तक जुड़े होते हैं, ऐसे में दूसरे के नाम पर इश्यू सिम चलाने से उपयोगकर्ता के लिए कभी भी बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है। वे साइबर क्राइम या ऑनलाइन फ्रॉड के आसान शिकार भी बन सकते हैं।

पत्रिका व्यूयदि आप किसी कारणवश दूसरों के नाम से जारी सिम का उपयोग कर रहे हैं, तो शीघ्र अपने नाम पर नई सिम जारी कर उसे उपयोग में लेना शुरू कर दें। साथ ही जहां कहीं भी पुराना नंबर दर्ज है, उसे परिवर्तित कर अपना नया नंबर शुरू कर दें।

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