प्रदेश में हजारों अवैध कॉलोनियां हैं। इन कॉलोनियों में न तो सही ड्रेनेज सिस्टम है और न ही पानी की पर्याप्त व्यवस्था है। ऐसी अधिकांश कॉलोनियों में महज तीन से चार फीट की गली नुमा सड़क हैं। राजधानी भोपाल में ही ऐसी अनेक अवैध कॉलोनियां बसी हैं।
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अब राज्य सरकार ने अवैध कॉलोनियों को लेकर सख्त रूख अपनाया है। इसके लिए नया ड्रॉफ्ट बनाया गया है जिसमें अवैध कॉलोनी बनानेवाले बिल्डर के साथ संबंधित नगर निगम कमिश्नर और कलेक्टर पर भी शिकंजा कसा जाएगा। अवैध कॉलोनी की शिकायत की जांच या कार्रवाई न करने वाले कलेक्टर अथवा नगर निगम कमिश्नर को जुर्माना भरना पड़ेगा। इतना ही नहीं, ऐसे अधिकारी जेल तक जा सकते हैं। अवैध कॉलोनी के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग नहीं करने के दोषी पुलिस अधिकारियों को भी सज़ा भुगतना होगा।
अवैध कॉलोनियों को लेकर राज्य के सांसद, वरिष्ठ मंत्रियों से लेकर सीएम मोहन यादव तक ने सख्त तेवर दिखाए हैं। तमाम वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों का कहना है कि अवैध कॉलोनी को लेकर अब सख्त नियम बना रहे हैं। इनकी अनदेखी करनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों के अनुसार नए ड्रॉफ्ट को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद लागू कर दिया जाएगा।
इस बीच राजधानी भोपाल में अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई चालू की गई है।
भोपाल की हुजूर तहसील के रोलुखेड़ी में एक अवैध कॉलोनी पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया। यहां गोकुल ग्रीन नाम से एक अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही थी। शिकायत के बाद शुक्रवार को हुजूर के एसडीएम विनोद सोनकिया अपनी टीम लेकर मौके पर पहुंच गए। जेसीबी से अवैध कॉलोनी का गेट तोड़ दिया गया। अंदर बनाई गई रोड भी उखाड़ दी। बिल्डर पर प्रकरण कायम कर लिया गया है।
बता दें कि प्रदेश में अभी अवैध कॉलोनी बनाने वालों को न्यूनतम 7 साल की सजा और 50 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रदेश में कुल 7981 अवैध कॉलोनियां हैं। इनमें 3155 अवैध कॉलोनियां नगर निगमों में हैं जबकि 4826 अवैध कॉलोनियां नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में हैं।