यहां पढ़ें पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक 17 साल का नाबालिग पुणे के बड़े बिल्डर का बेटा है। वह शराब पीकर तेज रफ्तार में कार दौड़ा रहा था। तभी उसने बाइक को टक्कर मार दी। जिससे बाइक गर सवार दो इंजीनियरों की मौत हो गई। हादसे में जबलपुर के शक्ति नगर सैनिक सोसायटी निवासी अश्विनी कोष्टा(26) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाइक सवार दोस्त अनीश अवधिया ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
डिप्टी सीएम के निर्देश बालिग की तरह ट्रीट होगा केस
मामले में भले ही जुवेनाइल कोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी हो, लेकिन पुणे की पुलिस नाबालिग को बालिग की तरह ट्रीट किए जाने को लेकर सोमवार को सेशन कोर्ट में अर्जी दे चुकी है। निचली अदालत से लगाई यही अर्जी जुवेनाइल कोर्ट ने खारिज कर दी थी, लेकिन अब पुलिस ने मामले में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस से बातचीत की। जिसके बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने मामले को एडल्ट की तरह ट्रीट करने के निर्देश दिए हैं।
अब सेशन कोर्ट से सजा की मांग
बता दें कि हादसे के बाद पुणे पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद उसे हिरासत में ले लेकर जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया था। लेकिन वहां से निबंध लिखवाकर उसे जमानत दे दी गई। लेकिन पुलिस का आरोप है कि बिल्डर का बेटा 17 साल का नाबालिग खुद स्वीकार कर चुका है कि वह शराब पीने का आदि है। और हादसे के दौरान वह बिना रजिस्ट्रेशन की कार को 160 की स्पीड से दौड़ा रहा था। ऐसे में पुलिस उसके खिलाफ सख्त सजा की मांग लेकर अब सेशन कोर्ट में पहुंच गई है। मृतक बेटी का अंतिम संस्कार आज
पुलिस के मुताबिक 17 साल का नाबालिग पुणे के बड़े बिल्डर का बेटा है। कार की चपेट में आने से
जबलपुर के शक्ति नगर सैनिक सोसायटी निवासी अश्विनी कोष्टा(26) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाइक सवार दोस्त अनीश अवधिया ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
बता दें कि हादसे में एमपी की बेटी की मौत हुई है। मृतक अश्विनी के पिता सुरेश कुमार कोष्टा मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी कार्यालय में पदस्थ थे। वहीं वे पुणे में एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थीं। परिजन शव लेकर सोमवार शाम जबलपुर पहुंचे मंगलवार को अंतिम संस्कार ग्वारीघाट में किया जाएगा।
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- आरोपी ‘सड़क दुर्घटना के प्रभाव और समाधान’ पर कम से कम 300 शब्दों में निबंध लिखेगा।
- 15 दिन ट्रैफिक पुलिस की मदद करेगा।
- मनोचिकित्सक से इलाज कराएगा।
- आरोपी के सामने भविष्य में दुर्घटना हुई तो उसे पीड़ितों की मदद करनी होगी।
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