मंत्री उमंग सिंघार ने कहा कि उन्हें चिट्ठी लिखने की आवश्यकता क्या थी। वो तो सरकार ही चला रहे हैं फिर चिट्ठी की क्या जरूरत। जाहिर है उमंग सिंघार का यह बयान यह सवाल जरूर खड़ा कर रहा है कि क्या कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है।
दिग्विजय ने चिट्ठी में लिखा, मेरे द्वारा जनवरी से 15 अगस्त तक स्थानांतरण सहित विभिन्न विषयों से संबंधित आवेदन पत्र आवश्यक कार्रवाई के लिए अग्रेषित किए गए थे। आपको पृथक से पत्र लिखकर कार्रवाई से अवगत कराने एवं यदि संभव नहीं है तो उसकी जानकारी देने का अनुरोध किया था। कार्रवाई के बारे में जानने के लिए आपसे 31 अगस्त के पूर्व भेंट करना चाहता हूं। कृपया मुझे समय प्रदान करने का कष्ट करें।
सत्ता-संगठन में तबादला बड़ा मुद्दा बना हुआ है। बड़ी संख्या में तबादलों के बावजूद कांग्रेस में असंतोष है। संगठन की शिकायत है कि मंत्री सुनते ही नहीं। उधर, मंत्रियों का तर्क है कि अफसरशाही उनकी नहीं सुन रही। ऐसे में दिग्विजय की चिट्ठी से यह माना जा रहा है कि इस कदम से मंत्री एक्टिव होंगे और वे कार्यकर्ताओं के लिए काम करेंगे।