किताबें उपलब्ध होने के बाद चिकित्सा शिक्षकों की टीम उनका मिलान अंग्रेजी की किताबों से करेगी। देखेगी कि कहीं किसी शब्द का मूल अर्थ न बदल जाए। इसी तरह बहुत कठिन शब्दों का प्रयोग न हों, इसका भी ध्यान रखा जाएगा। ये किताबें पीडीएफ फॉर्मेट में भी छात्रों को उपलब्ध कराई जाएंगी। अधिकारियों के मुताबिक द्वितीय वर्ष की किताबें आने में अभी करीब 4 माह का समय लग सकता है। इन किताबों का लेखन कार्य शुरू कर दिया गया है।
उधर, इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया हो चुकी है, लेकिन हिन्दी में इंजीनियरिंग में छात्र-छात्राओं ने रुचि नहीं दिखाई। प्रदेशभर में हिन्दी में तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए 5% से कम सीटों पर प्रवेश हुआ है। तकनीकी शिक्षा विभाग शुक्रवार को इसकी घोषणा करेगा। इंजीनियरिंग के सभी कोर्स में इस साल 1,09,551 ने एडमिशन लिया है। हिन्दी में इंजीनियरिंग करने वालों कीसंख्या 5 प्रतिशत से भी कम है।
शुरू हो चुका है लेखन
एमबीबीएस प्रथम वर्ष की किताबों का विमोचन होने के बाद प्रकाशन का काम जारी है। जल्द ही किताबें बाजार में होंगी। द्वितीय वर्ष की किताबों का लेखन शुरू कर दिया गया है।
-खेमसिंह डेहरिया, कुलपति, अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विवि