स्टूडेंट का मैनेजमेंट से कहना है कि फाइनल इयर में सभी स्टूडेंट का प्लेसमेंट पर ध्यान होता है। कई बार इंटरव्यू का वक्त क्लासेस चलने के दौरान का दे दिया जाता है। स्टूडेंट को इंटरव्यू में जाना होता है. इसके अलावा नवंबर में होनेवाले कैट और जनवरी में यूपीएससी तथा फरवरी में होने वाले गेट एग्जाम में फाइनल इयर के स्टूडेंट बड़ी संख्या में बैठते हैं। ये परीक्षाएं बहुत कठिन होती हैं जिनकी तैयारी के लिए काफी समय और मेहनत लगती है. ऐसे में फाइनल इयर के स्टूडेंट के लिए क्लास में 75 प्रतिशत उपस्थिति रखना संभव नहीं हो पाता है।
इस आधार पर स्टूडेंट 75 प्रतिशत उपस्थिति के नियम को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। स्टूडेंट इस मामले में कालेज प्रबंधन से सहयोग भी मांग रहे हैं. उनका कहना है कि कम उपस्थिति की वजह से परीक्षा देने से रोकने पर न केवल उनकी सालभर की मेहनत बर्बाद हो जाएगी बल्कि प्लेसमेंट में मिली नौकरी भी चली जाएगी। इस मामले को लेकर बुधवार को तो 1500 से ज्यादा स्टूडेंट दिनभर धरने पर बैठे रहे थे। गुरूवार को भी छात्र सुबह से ही मैनिट चौराहे पर प्रदर्शन कर रहे हैं जिससे यहां का यातायात भी प्रभावित हो रहा है। सड़क पर लोगों की भीड़ के साथ जाम भी लग गया है. वाहनों की लंबी कतारें लगना शुरू हो गईं हैं। हालांकि 75 प्रतिशत उपस्थिति के नियम के विरोध में किया जा रहे विद्यार्थियों के इस प्रदर्शन पर कालेज प्रशासन ने अभी तक कोई आश्वासन नहीं दिया है। मेनिट प्रशासन व कुलपति ने इस मामले में मौन साध लिया है।