href="https://www.patrika.com/bhopal-news/madhya-pradesh-honey-trap-updates-5111689/" target="_blank" rel="noopener">हनी ट्रैपः हाईप्रोफाइल अफसर और नेताओं को फंसा चुकी हैं लड़कियां, ऐसे बुनती थी जाल
href="https://www.patrika.com/bhopal-news/case-registerd-against-congress-leader-digvijay-singh-in-uttar-pradesh-5112939/" target="_blank" rel="noopener">विवाद / मंदिर में रेप वाले बयान पर दिग्विजय सिंह की मुश्किलें बढ़ीं, एफआईआर दर्ज
ऐसे बिछाती थी जाल
सबसे पहले यह महिलाएं रसूखदार व्यक्ति की पूरी जानकारी एकत्र करती थी। उससे कितने रुपए तक वसूले जा सकते थे, इसकी पूरी प्लानिंग होती थी। इसकी आड़ में उस दिग्गज नेता या बड़े अफसर से कितना बड़ा काम कराया जा सकता है। इसकी भी जानकारी हासिल की जाती थी। फिर दोस्ती के जरिए बातचीत का सिलसिला शुरू हो करती थीं। यहीं से नेता-अफसर इन हसीनाओं के जाल में फंसना शुरू हो जाते थे।
पूरी फिल्म हो जाती थी तैयार
नेता और अफसर जब इन महिलाओं पर थोड़ा भी मोहित होते थे, तो यह महिलाएं अपने ऊपर भरोसा बढ़ा लेती थीं। इसके बाद बंद कमरे में मिलने के लिए खास स्थान का चयन किया जाता था। इससे पहले ही यह महिलाएं या इनके सहयोगी हिडन कैमरा फिट कर देते थे। यह महिलाएं नेता और अफसरों को बुलाकर उनके साथ अंतरंग हो जाती थीं और इसकी पूरी फिल्म तैयार हो जाती थी।
फिल्म तैयार हो जाने के बाद अफसरों को यह महिलाएं अपने इशारे पर नचाने लगती थीं। कैसे और कहां अफसर से पैसा वसूला जाया यह तय किया जाता था। नेता और अफसर की आर्थिक स्थिति को देखकर तय होता था कि कितना पैसा वसूलना है। यह रकम लाखों रुपए से लेकर तीन करोड़ या उससे ऊपर भी लगाई जाती है।
नेता और अफसरों का वीडियो बनाकर यह महिलाएं ब्लैकमेलिंक की हद तक पार कर जाती थी। यह नेता और बड़े अफसरों से किसी का भी तबादला करवा सकती थीं और मनमाफिक ठेका भी ले लेती थी। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि यह अपने एनजीओ में भी रकम जमा करवा लेती थीं। बताया जाता है कि इन महिलाओं की बात कोई अफसर या नेता नहीं काट पाता था।
जांच में सामने आया है कि महिलाओं के इस गिरोह के जाल में मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र और राजस्थान के भी प्रशासनिक सेवाओं के कई अफसर शिकार बन चुके हैं। काफी समय से यह महिलाएं अन्य प्रदेशों में भी ब्लैकमेलिंग का धंधा कर रही थीं।
एटीएस को मिला था इनपुट
सबसे पहले एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) को इनपुट मिला था कि कुछ महिलाएं हनीट्रैप कर अधिकारियों, व्यापारियों और नेताओं को अपने जाल में फंसा रही हैं। यह इनपुट इंदौर से मिला था।
यह महिलाएं अपने हुस्न के जाल में फंसाकर नए नेताओं को सबसे पहले निशाना बनाती थी। इस गिरोह के टारगेट पर राजनीति के ही लोग ज्यादा होते थे। क्योंकि नए और युवा इनके जाल में जल्दी फंस जाते थे।
इन महिलाओं से बचकर रहना
आरती दयाल
एक साल से भोपाल की मिनाल रेसीडेंसी के ही सागर लैंडमार्क में रह रही है। उसके पास एक क्रेटा गाड़ी है। आरती ने कुछ माह पहले ही अपने पति पंकज के खिलाफ छतरपुर में दहेज प्रताड़ना का केस रजिस्टर्ड किया था। बताया जाता है कि वो छतरपुर में भी एक दर्जन लोगों को ब्लैकमेल कर चुकी है।
श्वेता विजय जैन
यह महिला सागर की रहने वाली है और भोपाल के न्यू मीनाल में रह रही है। इसने 2015 में इलेक्ट्रिकल एंड थर्मल इंसुलेशन प्रोडेक्ट की कंपनी शुरू की थी। इसके घर से पुलिस ने 14 लाख से अधिक कैश बरामद किया है। इसने पास MP 04 CX 0072 नंबर की मर्सिडीज कार भी है, तीन माह पहले ही खरीदी है। इसके पास पहले से एक ऑडी भी है।
श्वेता स्वप्निल जैन
इसका नाम भी श्वेता है इसके पति का नाम स्वप्निल जैन है। यह जयपुर की रहने वाली है और भोपाल के पॉश इलाके रिवेयरा टाउनशिप में रहती है। इस टाउनशिप में कई विधायकों और मंत्री समेत आईएएस अफसरों के बंगले हैं। श्वेता के पति स्वप्निल जैन को कई पब और पार्टियों में देखा जाता है. यह दोनों ही इतने शातिर हैं कि अपने दोस्तों को ही ठग चुके हैं।श्वेता भी ऑडी कार में चलती है।
बरखा सोनी भटनागर
बरखा नाम की इस महिला ने अमित सोनी से दूसरी शादी की है। अमित एनजीओ का संचालन करता है। एग्रीकल्चर से जुड़े प्रोजेक्ट पर काम करती है। बरखा देह व्यापार में वर्ष 2014 से लिप्त थी। इसके बाद यह सागर की श्वेता जैन से जुड़ गई। बरखा के पास कार और ऐशोआराम की सभी चीजें हैं।
मोनिका यादव
मोनिका नाम की यह लड़की इस गिरोह की सबसे कम उम्र की है। राजगढ़ की रहने वाली मोनिका बीएससी की पढ़ाई कर रही है। इसकी उम्र 18 से 19 के बीच है। इस लड़की का आईएएस और कुछ नेताओं के पास आना-जाना लगा रहता था। ये मोबाइल फोन पर मीठी बातें और मैसेज से अफसरों को अपने जाल में फांस लेती थी। इसे भी अपने साथ आरती ने अपने गिरोह में शामिल कर लिया था।