आपको बता दें कि, पिछले साल मंडला में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ऐलान किया गया था कि, महुआ के फूल से बनी शराब दुकानों में ‘हेरिटेज शराब’ के नाम से बेची जाएगी। सीएम ने कहा था कि ‘अगर कोई भाई-बहन परंपरागत शराब बनाते आ रहे हैं तो वो अवैध नहीं मानी जाएगी। हेरिटेज शराब के नाम से इस शराब को दुकानों पर भी बेचा जाएगा। सीएम बोले- हम उसे भी आदिवासी की आमदनी का जरिया बनाएंगे। अगर कोई परंपरागत रूप से बनाता है, तो सरकार उसे बकायदा वैधानिक मान्यता देगी।’
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अलीराजपुर और डिंडौरी में बनेगा महुआ
महुआ से बनने वाली शराब प्रदेश के अलीराजपुर और डिंडौरी के दो आदिवासी ग्रुपों द्वारा उत्पादन किया जाएगा। इस संबंध में आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे का कहना है कि, शुरुआत में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत महुआ को होटलों में बेचा जाएगा। सबसे पहले एमपी टूरिज्म के 18 होटलों में महुआ को बेचा जाएगा। लोगों का रुझान देखने के बाद आगे की तैयारी की जाएगी। साथ ही, सरकार इसको बाकी शराब की तरह अलग से काउंटर लगाकर बेचने की भी तैयारी की जा रही है।
जहां महिलाएं परेशान हैं, वहां से हटेंगी शराब दुकानें
इसी के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वाणिज्यिक कर विभाग की शनिवार को आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये निर्देश दिए हैं कि, जिन इलाकों में शराब दुकानों से महिलाएं परेशान हैं, वहां से शराब की दुकानें हटाई जाएंगी। उन्होंने अधिकारियों से ये भी कहा कि, प्रदेश में अवैध शराब नहीं बिकनी चाहिए। जनभावनाओं का आदर जरूरी है। मुख्यमंत्री ने करदाताओं से बेहतर संवाद बनाने, उन्हें ताजा जानकारियां उपलब्ध कराने, छोटे करदाताओं को विश्वास में लेकर उन्हें शिक्षित कर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं।
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