वहीं, सिंधिया खेमे के दूसरे मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने भी महेन्द्र सिंह सिसोदिया के बयान का समर्थन किया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया खामोश?
सूत्रों का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम से दिग्विजय सिंह का कद बढ़ा है तो सिंधिया का कम हुआ है। लेकिन वहीं, ये भी कहा जा रहा है कि पार्टी सिंधिया और दिग्विजय दोंनो को राज्यसभा नहीं भेजना चाहती है। मध्यप्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केवल इतना कहा था कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है।
शिवपुरी दौरे पर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब मध्यप्रदेश में हॉर्स ट्रेडिंग के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में सवाल है कि क्या मध्यप्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में आपसी समन्वय नहीं है। हालांकि सिंधिया ने कहा था कि मध्यप्रदेश की सरकार स्थिर और अगले पांच साल तक चलेगी। बुधवार को सफाई देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था- बीजेपी की यह पुरानी प्रैक्टिस है लेकिन इसमें वह कामयाब नहीं होंगे, हम सब एक साथ हैं। मध्यप्रदेश में सरकार पर कोई खतरा नहीं है।