इस हिसाब से अगर जूनियर डॉक्टरों से इस मांग पर सहमति नहीं बनती है तो इनके हड़ताल पर जाने से प्रदेशभर के मरीजों की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि एसोसिएशन ने फिलहाल हड़ताल पर कोई फैसला नहीं लिया है।
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आपको बता दें कि पिछले एक साल से स्टाइपेंड में बढ़ोतरी नहीं की गई है। ऐसे में जूनियर डॉक्टरों ने 1 लाख रुपए मासिक स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग की है। इसके साथ ही सालाना बढ़ोतरी का रुका हुआ काम भी पूरा करने की मांग भी की गई है।
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– मासिक स्टाइपेंड 1 लाख रूपए हर हमीने किया जाए। साथ ही सालाना वेतन में बढ़ोतरी का रुका काम भी पूरा हो।
– मध्य प्रदेश के सभी जूनियर डॉक्टरों को 5 साल का स्वास्थ्य बीमा मिले।
– मध्य प्रदेश में चिकित्सा से शिक्षा की फीस बाकी राज्यों की तरह ही 10 से 15 हजार की जाए और यूनिवर्सिटी की फीस कम की जाए।
– मध्य प्रदेश से रूरल सर्विस बॉन्ड को खत्म किया जाए, वहीं अगर कोई चिकित्सक रूरल सर्विस पर जाता है तो उसे अतिरिक्त 50 हजार रुपए देने की मांग की है।