मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) के 103 डॉक्टर्स के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर से हड़कंप मच गया। बुधवार को 186 सैंपल की जांच हुई थी। इसमें महिला डॉक्टरों के भी पॉजिटिव होने की खबर थी। यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल रही है।
एम्स प्रबंधन ने कहा है कि कुछ डाक्टर्स कोरोना पॉजिटिव जरूर आए हैं, लेकिन जो आंकड़े सोशल मीडिया पर चल रहे हैं, वो गलत हैं। एम्स में पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं हैं और मरीजों का भी इलाज अच्छे से होता है।
एम्स प्रबंधन ने कहा है कि 8 अप्रैल की रात तक केवल 1285 में से 38 विद्यार्थी संक्रमित हुए हैं। जबकि 2 हजार स्वास्थ्य कर्मियों में से 13 संक्रमित हुए हैं और 200 से ज्यादा संकाय सदस्यं में से केवल दो सदस्य ही संक्रमित हुए हैं। अब तक सभी स्वास्थ्यकर्मी, विद्यार्थी या रेजीडेंट डाक्टर सभी स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। कोई गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं है। एम्स प्रबंधन ने कहा है कि एम्स के सभी विभागों के सभी सदस्य पूरी एहतियात बरतते हुए निरंतर सेवा दे रहे हैं। सभी कोरोना योद्धा अपनी सुरक्षा की परवाह किए बगैर जी जान से ड्यूटी कर रहे हैं।
5000 के पार हो सकता है आंकड़ा
प्रदेश में सरकार एक तरफ वैक्सीनेशन का काम तेजी से कर रही है, वहीं कोरोना की टेस्टिंग भी बढ़ने से लगातार पाजिटिव केसेस भी सामने आने लगे हैं। आलम यह है कि प्रदेश में कुल नए पाजिटिव केस 4882 के करीब पहुंच गए हैं। जबकि एक शनिवार तक यह आंकड़ा पांच हजार के पार निकल जाएगा। वहीं प्रदेश में मौतों के सही आंकड़े अब भी नहीं आ रहे हैं। ग्राउंड रिपोर्ट में जहां ज्यादा अंतिम संस्कार हो रहे हैं, वहीं सरकारी आंकड़ों में कम मौते बताई जा रही है।
एक लाख बेड की होगी व्यवस्था
मध्यप्रदेश में संक्रमितों के लगातार बढ़ने से प्रदेश के लगभग सभी अस्पताल पूरी तरह से भर गए हैं। लोगों को अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही है। मरीजों के परिजन भटक रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार 50 हजार अतिरिक्त बेड का इंतजाम भी कर रही है। इस प्रकार सरकार एक लाख से अधिक बेड की व्यवस्था करने में जुटी है।