उन्होंने कहा कि लम्बित मजूदरी और आगामी दिवसों की मजदूरी के भुगतान के लिए पर्याप्त राशि तथा सामग्री मद के लम्बित भुगतान, अग्रिम समायोजन एवं आगामी माह के सामग्री भुगतान की आवश्यकता को देखते हुए राज्य सरकार को एक हजार करोड़ रुपये अतिशीघ्र आवंटित किये जाये।
पटेल ने बताया कि प्रदेश के कई जिले अनुसूचित जाति बहुल हैं, जहाँ आगामी माहों से बड़ी संख्या में मजदूरी की मांग आयेगी। राज्य के पास पर्याप्त आवंटन न होने से कार्यों का सुचारु संचालन नहीं हो पायेगा। ऐसे में पलायन की स्थिति बनेगी, जो योजना की मूल भावना के विपरीत है। पटेल ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम में मध्यप्रदेश को इस वित्त वर्ष में केन्द्र सरकार से मजदूरी मद में स्वीकृत 2441 करोड़ की राशि का उपयोग किया जा चुका है।
प्रदेश में 11 नवम्बर, 2019 की स्थिति में योजना के मजदूरी घटक में 274 करोड़ रुपये भुगतान के लिए लंबित है। इसी प्रकार सामग्री मद के भुगतान के लिए केन्द्र सरकार ने प्रदेश को इस वित्त वर्ष में 860 करोड़ 76 लाख रुपये स्वीकृत किये हैं, जबकि केन्द्र के पास सामग्री मद में प्रदेश में 337.72 करोड़ रुपये लम्बित है। प्रदेश सरकार द्वारा सामग्री मद में 570 करोड़ रुपये का माँग-पत्र पूर्व में भी केन्द्र सरकार को सौंपा गया है, किन्तु प्रदेश को मात्र 127 करोड़ रुपये की राशि ही स्वीकृत की गई, जिससे योजना के सुचारु संचालन में कठिनाई आ रही है।
पटेल ने अनुरोध किया कि योजना के सुचारु संचालन के लिए चालू वित्त वर्ष के लिए मजदूरी और सामग्री मद में लम्बित राशि केन्द्र सरकार शीघ्र जारी करे। पटेल ने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि योजना में प्रदेश को भविष्य में भी सतत राशि की जाती रहे, जिससे जरूरतमंदों को निर्बाध रूप से रोजगार मुहैया कराया जा सके।