ऐसे में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति बाहुल्य मतदाताओं के बीच मतदान के चारों चरणों के अंतिम तीन दिनों में भाजपा विधायक, सांसद, पदाधिकारियों को सीधा संवाद करेंगे। लक्ष्य रखा गया है कि इन वर्गों के हर घर तक बीजेपी कार्यकर्ता के जरिये ही सही पर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है। इसके तहत मोहल्लों से लेकर बूथ और छोटी स्थानीय सभाओं से लेकर स्टार प्रचारकों की सभाएं भी होंगी।
यह भी पढ़ें- जबलपुर पहुंचते ही मोदी ने सबसे पहले इस डॉक्टर से की थी मुलाकात, जानें क्यों PM हैं इनके मुरीद
बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एससी-एसटी वर्ग के कुल 82 आरक्षित सीटों में 50 पर कमल खिलाया था। उधर, कांग्रेस ने भी एससी-एसटी वर्ग के बड़े नेताओं में कांतिलाल भूरिया, ओमकार सिंह मरकाम समेत फूल सिंह बरैया, फुंदेलाल मार्को, रामू टेकाम को चुनावी मैदान में उतारा है। प्लानिंग को लेकर बीजेपी प्रदेश पदाधिकारियों ने बताया कि चरणबद्ध मतदान के मुताबिक तय सीटों पर अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस पर खास फोकस भी रहेगा। पंडित दीनदयाल से लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने पिछड़ों को आगे लाने के लिए हर स्तर कवायद की। संपर्क का सिलसिला और तेजी से होगा।
यह भी पढ़ें- 2 स्टार पुलिस जवान की वर्दी पहनकर रौब झाड़ता फिर रहा था चाय वाला, ऐसे खुली पोल
बीजेपी के इस अभियान को कांग्रेस ने आड़े हाथों लिया। कांग्रेस ने कहा कि आदिवासियों के साथ बीजेपी सिर्फ छलावा किया। यह बात भी एससी-एसटी वर्ग के मतदाता समझ चुके हैं। बीते विधानसभा चुनावों में दोनों ही आरक्षित वर्ग के 40 फीसदी वोट कांग्रेस को मिले। बीजेपी के नेताओं की ऐसी कई इस वर्ग के लोगों के साथ आपत्तिजनक करतूत सामने जो मानवता को ही शर्मसार करती है। कांग्रेस ने दावा किया कि बीजेपी की तमाम कवायद पर आदिवासी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर विराम लगाएंगे।