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लॉकडाउन के दिनों में दिया गया सीएम का बयान है आधार
अगर स्थितियां जल्दी ही नियंत्रण में नहीं आतीं, तो बड़े पैमाने लंबे लॉकडाउन को बल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उस बयान से भी मिलता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि, प्रदेशवासियों के स्वास्थ सही रहना प्रथम है। अगर लॉकडाउन के कारण राज्य को आर्थिक नुकसान भी होता है तो, कोई गम नहीं। अगर लोग इस जानलेवा संक्रमण से अपनी जिंदगी बचाने में सफल हो गए, तो वो अहम चीज है। सीएम ने कहा था कि, लोगों का स्वास्थ ठीक रहता है तो, प्रदेश की आर्थिक स्थिति तो दौबारा मज़बूत कर लेंगे। हालांकि, बीते दिनों पर गौर करें, तो सरकार बिल्कुल भी नहीं चाहती थी कि, लॉकडाउन किया जाए। लेकिन लगातार बिगड़ती स्थितियों को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार को ये फैसला लेना पड़ा और इसमें भी कोई संदेह नहीं है कि, आगामी दिनों में स्थितियां नियंत्रित नहीं हुईं तो लॉकडाउन की अवधि को आगे बढ़ा दिया जाएगा।
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लॉकडाउन सही, पर होता है भारी नुकसान
शहर में रहने वाले समाज सेवक देव आनंद शर्मा का कहना है कि, जिस तरह संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। उसे नियंत्रित रखने के लिए संक्रमण की चैन को तोड़ना जरूरी है। इसका सबसे बेहतर विकल्प लोगों के बीच सोशल जिस्टेंसिंग है। इसके लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाना बेहर विकल्प है। जब तक संक्रमण की कोई पर्याप्त वैक्सीन नहीं बन जाती, तब तक रोकथाम ही बचाव का बेहतर विकल्प है। वहीं, दूसरी तरफ पुराने शहर के व्यापारी विक्रम बत्रा का कहना है कि, लॉकडाउन का फैसला सरकार का है, ऐसे में इसे गलत नहीं कहा जा सकता, लेकिन लॉकडाउन के चलते लोगों को जमीनी स्तर पर गहरा नुकसान हो रहा है। कई लोग अपने काम कारोबार बंद करने को मजबूर हो गए हैं। क्योंकि, लॉकडाउन की अवधि में कारोबार बंद रहता है, कई लोग कच्चे सामान का व्यापार करते हैं, जो लंबी अवधि तक रखने पर खराब हो जाता है। ऐसे नुकसान का सीधा असर व्यापारी पर पड़ता है। इसलिए सरकार को पूरी तरह बंद करने के अलावा कोई विकल्प तलाशना चाहिए।