आनंद शोध पुरस्कार :
(उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में रिसर्च बढ़ाने)
पीएचडी/डीलिट के जरिए वातावरण में आनंद की समझ विकसित करने में सहायक शोध, पुरस्कृत होगा। इसमें पहला एक लाख, दूसरा 50 हजार व तीसरा पुरस्कार २५ हजार का होगा।
आनंद प्रोजेक्ट पुरस्कार :
(शिक्षण संस्थाओं में प्रोजेक्ट कार्य के लिए)
यूजी/पीजी क्लासेस के साथ स्कूलों में दिए जाने वाले प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर कोई भी छात्र आवेदन कर सकता है। तीन पुरस्कर 25 हजार, 15 हजार और 10 हजार के प्रदान किए जाएंगे।
(प्रदेश में एक्शन रिसर्च, प्रोजेक्ट वर्क को प्रोत्साहन)
हर वर्ष 10 फेलोशिप के लिए चयनित व्यक्तियों को 3 लाख रुपए की सहायता प्रदान की जाएगी। 3 वर्ष की अवधि वाली फेलोशिप से पूर्व संबंधित व्यक्ति का साक्षात्कार होगा।
शहर का इतिहास जितना इमारतों, किताबों, तारीखों में है उतना ही शहर में बसे लोगों में है…, जो अपने अपने तरीकों से इस शहर के भूतकाल को जिंदा रखते हैं। बेगमों के इस शहर की हवा, खुशबू, धरोहर को शॉर्ट फिल्म ‘बेगमों का भोपाल’ में उतारा है रचिता गोरोवाला ने। रविवार को इस फिल्म की स्क्रीनिंग चेतक ब्रिज स्थित डायलॉग को-वर्किंग स्पेस में शाम 7 बजे से होगी।