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भोपाल

अमृत सरोवर में भूमि विवाद का पेंच, तीन करोड़ के सात सरोवरों के निर्माण पर छाया संकट

जिले के आधा दर्जन से अधिक गांवों में अमृत सरोवरों का निर्माण शुरू होने से पहले ही जमीनी विवाद खड़ा हो गया है। ऐसे में इन गांवों में अमृत सरोवरों के निर्माण को लेकर अब सवाल उठने लगे है।

भोपालMar 26, 2023 / 08:50 pm

योगेंद्र Sen

 These will be the benefits of becoming Amrit Sarovar

These will be the benefits of becoming Amrit Sarovar

बैतूल। अमृत सरोवर की राशि स्वीकृत होने के बाद भी इनके नहीं बन पाने से हजारों ग्रामीणों को जलसंकट और निस्तारी के पानी के लिए परेशान होना पड़ सकता है। सात गांवों के लिए राशि जारी कर दी हैं लेकिन जमीन के पेच के कारण यहा सरोवर का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है। जिससे सात गांवों के एक हजार परिवार के लगभग पांच हजार की आबादी को पानी के लिए परेशान होना पड़ेगा। बताया गया कि जमीन के चयन में लापवाही सामने आने से सरोवर का निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है।
सर्वे को लेकर उठ रहे सवाल
जिले के आधा दर्जन से अधिक गांवों में अमृत सरोवरों का निर्माण शुरू होने से पहले ही जमीनी विवाद खड़ा हो गया है। ऐसे में इन गांवों में अमृत सरोवरों के निर्माण को लेकर अब सवाल उठने लगे है। बताया गया कि जमीन स्तर पर सर्वे न कर कागजों में सर्वे किए जाने के कारण वनभूमि और निजी भूमि में अमृत सरोवर स्वीकृत कर दिए गए। जब निर्माण कार्य शुरू कराया गया तो निजी और वन भूमि का मामला सामने आया। जिसके बाद उक्त सरोवरों के निर्माण का काम रोक दिया गया है।
इन सरोवरो का काम अधर में लटका
वन भूमि और निजी भूमि के पेच के कारण सात अमृत सरोवरों का काम अधर में लटक गया है। बताया गया कि इनमें डूडाबोरगांव, बोरी चिचोली, गोंडीगौला, रातामाटी भीमपुर, मूढा शाहपुर, गुवाड़ी शाहपुर एवं टांगनामाल शाहपुर शामिल हैं। इन सभी जगहों पर जमीनी विवाद के चलते अभी तक सरोवर का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है। जबकि इन गांवों में ग्राम पंचायतों के माध्यम से सरोवर निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजे गए थे। प्रस्ताव के आधार पर आरईएस विभाग ने सरोवर निर्माण के लिए सर्वे कराया और स्टीमेट तैयार किए।
इसलिए बनाए जा रहे सरोवर
भीषण गर्मी के समय समस्त क्षेत्रों में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जल की काफी ज्यादा भीषण समस्या हो जाती है, और जल स्तर में काफी ज्यादा गिरावट हो जाती है। जिसके कारण की ग्रामीणों को जल की पर्याप्त भंडार ना मिल पाने के कारण उन्हें समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए प्रधानमंत्री ने अमृत सरोवर का निर्माण शुरू कराया है। पिछले साल जिले में 102 अमृत सरोवर का निर्माण कराया गया था। वहीं इस साल 40 के लगभग अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं। इनमें 26 आरईएस विभाग और शेष जनपदों के माध्यम से बना रहे हैं।
अमृत सरोवर बनने से यह होंगे फायदें
1.तालाब के निर्माण होने से उस जगह पर सुंदरीकरण और पर्यटन को बढ़ावा मिल सकेगा।
2. गर्मी के समय में भूजल स्तर को बनाए रखने में सहायता मिल सकेगी।
3. इससे किसान के लिए सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था हमेशा बनी रहे पाएगी।
4. अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत तालाबों में जलीय जीव व पशु पक्षियों को पानी की समस्या गर्मी की समय नहीं होगी।
5. ग्रामीण क्षेत्र में अर्थव्यवस्था मजबूत बन सकेगी।
6. मछली पालन मखाने की खेती एवं सिंचाई की व्यवस्था के लिए किसानों को बहुत अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा।
7. प्रत्येक अमृत सरोवर का एरिया 1 एकड़ की केपीसीटी के अनुसार होगा। जिसमें 10,000 क्यूबिक मीटर पानी की क्षमता रहेगी।

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