मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को प्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की बैठक में इस योजना का खुलासा किया।
उन्होंने लाड़ली बहनों को आर्थिक लाभ दिलाने के लिए हेंडलूम का प्रशिक्षण दिलाने को कहा। सीएम ने प्रदेश की महिलाओं को अगरबत्ती निर्माण आदि के माध्यम से आर्थिक लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए।
यह भी पढ़ें : तीन माह में ही टूट गया 210 करोड़ का क्रिकेट स्टेडियम, भरभराकर ढह गई दीवार इसके लिए बांस के उत्पादन के लिए राज्यभर में नदियों के किनारे बांस रोपने को भी कहा। प्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल व वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित बैठक में सीएम मोहन यादव ने कहा कि हेंडलूम जैसे कामों से जोड़कर लाड़ली बहनों की आमदनी को बढ़ाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गांवों में खूब शहद होता है। शहरों में शहद संग्रहण की व्यवस्था कर लोगों को शुद्ध शहद उपलब्ध कराकर खासी कमाई की जा सकती है। कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग इसके लिए प्रशिक्षण दे और बढ़े हुए शहद की बिक्री मृगनयनी सहित और काउंटरों से करने की व्यवस्था करे।
यह भी पढ़ें : एमपी में ढह गया ब्रिज, 8 किमी का फेरा बढ़ा, कई किमी तक चलना पड़ रहा पैदल बैठक में बताया गया कि छोटे व्यवसायियों को कारोबार के लिए कई ऋण और अनुदान योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं।
मध्यप्रदेश के हर शहर में बड़े मॉल बनाने और यहां विदेशी या बाहरी सामान बजाए केवल लोकल प्रोडक्ट्स ही बेचे जाने की बात भी बताई गई।