मजदूरों की तरफ से रोहित बंटी घुर्वे का आरोप है कि, कॉलेज प्रबंधन के कहने पर उनके मेडिकल कैंप के लिए शुक्रवार की सुबह अयोध्या नगर और अन्य इलाकों से 50 मजदूरों को एक प्राइवेट बस में भरकर लाया गया। कैंप में मेडिकल जांच कराने के बदले में कॉलेज प्रबंधन ने मजदूरों को 200 रुपए मेहनताना देने का आश्वासन दिया था। मजदूरों ने इसकी मांग की तो कॉलेज प्रबंधन ने रुपए देने से इंकार कर दिया। हंगामा हुआ तो मामला गांधी नगर पुलिस थाने पहुंच गया। यहां पुलिस ने कॉलेज प्रबंधन से सभी मजदूरों को उनकी मजदूरी दिलाई और मामले में समझौता करवा दिया।
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कॉलेज चेयरमैन बोले- टीम आती रहती हैं, उन्हें दिखाने किसी को नहीं बुलाया
मामले में गांधी नगर थानी प्रभारी से बात की तो उन्होंने कहा कि, हां विवाद हुआ था, लेकिन जब मजदूरों को उनकी मेहनताना मिल गया तो मामला खत्म हो गया। दूसरी तरफ कॉलेज के चेयरपेन सनत जैन ने कहा कि, टीम आती रहती हैं, उन्हें दिखाने के लिए किसी को नहीं बुलाया गया। मेडिकल कैंप जरूर लगाया था, लेकिन मजदूरी देने की बात किसी से नहीं की थी। कुछ मजदूरों को लाया गया था, ताकि उनका इलाज फ्री में किया जा सके। लेकिन, कुछ असामाजिक तत्वों ने बीच में आकर मजदूरों का उकसाया और जबरिया पैसे की डिमांड कर दी।
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पुलिस को सूचना दी… टीम आई और 4 मजदूरों की गांधी नजर थाने ले गई
रोहित का आरोप था कि, सिर्फ एक मजदूर को उसका पैसा मिला। इस बात से भी रोहित और उनके साथियों ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने बताया कि, जब कैंप में मरीज़ों की जांच हो रही थी तो उसके बाद इंजेक्शन लगाने को कहा गया। इसके बाद सभी मजदूर बाहर आ गए। इसी दौरान बाकी कार्यकर्ता आ गए और हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस को सूचना दी तो टीम आई और 4 यजदूरों को लेकर गांधी नगर थाने लेकर गईं। यहां पुलिस ने डॉक्टर की टीम को बुलाया और लंबी बहस के बाद समझौता करवाया।
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