पंडित प्रदीप मिश्रा को ‘सीहोर वाले बाबा’ के नाम से भी जाना जाता हैं। वे अपने प्रवचन में शिवपुराण की कथा सबसे ज्यादा करते हैं और उसके उपाय भी बताते हैं जिसके चलते वे प्रसिद्ध हुए। श्रद्धालुओं का पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा दिए जाने वाले रुद्राक्ष में अटूट विश्वास है, जिसके चलते देश के कोने कोने से कुबेरेश्वर धाम पहुंचते हैं। कुबेरेश्वर धाम में अभिमंत्रित रुद्राक्ष बांटे जाते है।
रुद्राक्ष की विशेषता
बताया जा रहा है कि जब कुबेरेश्वर धाम के रुद्राक्ष की भोपाल विज्ञान केंद्र और इंदौर विज्ञान केंद्र के द्वारा जांच की गई तो पता चला कि इन रुद्राक्षों में गंडकी नदी का पानी मिला हुआ है। ऐसी मान्यता है कि इन रुद्राक्ष को पानी में डालकर रखा जाए और उस पानी को बीमार लोगों को पिला दिया जाए तो रोगी की बीमारियां दूर हो जाती हैं। हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं करता है।
करने लगे पंडिताई
निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से होने के कारण पंडित प्रदीप मिश्रा का बचपन अभावों में बीता लेकिन जब बड़े हुए तो उन्होंने स्कूल टीचिंग में अपने हाथ आजमाएं साथ ही पंडिताई भी करने लगे। पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म 1980 में सीहोर में हुआ था। उनका उपनाम रघु राम है। उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है. वहीं, उनके पिता का नाम पंडित श्री रामेश्वर दयाल जी मिश्रा है, जिनका बीते साल 2 जून को ह्रदय गति रुकने से निधन हो गया था। पंडित प्रदीप मिश्रा के दो भाई हैं, जिनका नाम दीपक और विनय मिश्रा है।