रिपोर्ट के अनुसार, ये गैस इतनी प्रभावी थी कि, इसके संपर्क में आने वाले लोगों की तीन पीड़ियों तक इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। इसके प्रभाव से गैस पीड़ितों की रोग प्रतिरोधक छमता काफी कम हो जाएगी, जिससे कोई भी शारिरिक हीनता संभव है। इनमें प्रमुख तौर पर कैंसर और किडनी की समस्या का खतरा काफी ज्यादा है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए एक खास मंत्रालय भी गठित किया, जिसे गैस राहत विभाग नाम दिया गया। इसके तहत गैस पीड़ितों का इलाज और उनसे जुड़ी समस्याओं का निदान किया जाता है। साथ ही, अगर किसी गैस पीड़ित की कैंसर या किडनी की बीमारी से मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार के सदस्यों को आर्थिक सहायता राशि भी दी जाती है। हालांकि, किडनी की बीमारी की समस्या सिर्फ गैस पीड़ित तक ही सीमित नहीं है। बल्कि, शहर की फिजा में सांस लेने वालों और यहां का ज़मीनी पानी पीने के इस्तेमाल में लेने वालों के साथ भी काफी ज्यादा है।
वैसे तो किडनी की बीमारी अब विश्वव्यापी समस्या बन चुकी है। पिछले कुछ सालों में इस समस्या के कारण हुई मौतों में काफी तेज़ी से इजाफा हुआ है। हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, देशभर में करीब 14 फीसदी महिलाएं और 12 फीसदी पुरूष किडनी की समस्या जूझ रहे हैं। साथ ही हर साल लगभग 4 से 5 हज़ार लोगों की जान सिर्फ किडनी की खराबी के कारण चली जाती है। अगर बात पूरी दुनिया की करें तो लगभग 19.5 करोड़ लोग किडनी की समस्या से पीड़ित हैं। किडनी की बीमारी आज पूरी दुनीया में इतना विकराल रूप ले चुकी है बावजूद इसके लोग किडनी से जुड़ी समस्याओं के लक्षण समझ नहीं पाते और डॉक्टर के पास तब जाते हैं, जबतक काफी ज्यादा समय निकल जाता है। तो आइये जानते हं उन खास संकेतों के बारे में जिन्हें पहचान कर हम समय रहते किडनी का इलाज करके किसी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं।
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किडनी का महत्व
दरअसल, किडनी को हम हमारे शरीर का फिल्टर कह सकते हैं, क्योंकि ये हमारे शरीर में सफाई का काम करती है। ये शरीर से गंदगी बाहर निकालने वाले अंगों में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। हमारे शरीर में दो किडनियां होती हैं, जिनका मुख्य काम शरीर में मौजूद खून की सफाई करना है। हमारी दोनों किडनियों में छोटे-छोटे लाखों फिल्टर होते हैं जिन्हें मेडिकल भाषा में नेफ्रोंस कहा जाता है। नेफ्रोंस हमारे खून को साफ करते हैं, साथ ही खून में मौजूद हानिकारक तत्व पेशाब के ज़रिये शरीर से बाहर कर देते हैं। किडनी के अन्य कामों में लाल रक्त कण का बनना और फायदेमंद हार्मोंस रिलीज करना शामिल हैं। किडनियों द्वारा रिलीज किए गए हार्मोंस द्वारा ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है। साथ ही किडनी हमारे शरीर में मौजूद हड्डियों को विटामिन डी पहुंचाने का काम भी करती है।
शरीर में पानी और अन्य जरूरी तत्व जैसे मिनरल्स, सोडियम, पोटेसियम और फॉस्फोरस का रक्त में संतुलन बनाए रखने में किडनी का महत्वपूर्ण योगदान है। हालांकि, उम्र बढ़ने पर किडनी की कार्यशीलता वैसे ही कम होने लगती है, लेकिन, ऊपर बताए कारणों के चलते कुछ लोगों को समय के पहले ही किडनी से जुड़ी समस्या से जूझना पड़ता है। इन समस्याओं का कारण किडनी की बीमारियों से जुड़ा पारिवारिक इतिहास, डायबिटीज , हाई ब्लडप्रेशर , नशा और अधिक वजन हो सकता है। इसीलिए आज हम आपसे कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बात करेंगे, जिसके कारण किडनी की समस्या होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
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