इस अवसर पर एमपी सीएम मोहन यादव ने कहा कि केन-बेतवा तथा पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ने की ये योजना बेहद महत्वपूर्ण है। इस परियोजना से देश और प्रदेश की तस्वीर बदलेगी।
सीएम मोहन यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में उत्कृष्ट कार्यों के लिए क्रम से पहले पदोन्नति प्राप्त करने वाले पुलिसकर्मियों को रैंक प्रदान कीं और उन्हें शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर एमपी सीएम डॉ. मोहन यादव के साथ एमपी के उपमुख्य मंत्री, मंत्री प्रहलाद पटेल, तुलसी सिलावट सहित अन्य गणमान्य तथा जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे। बता दें कि प्रदेश भर में जल कलश यात्रा के अंतर्गत 13 मार्च तक केन-बेतवा लिंक परियोजना तथा पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के 17 जिलों के संभावित 3614 लाभांवित गांवों में कलश यात्रा तथा जल आधारित विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे हैे, जिनका शुभारंभ आज 11 मार्च से एमपी सीएम डॉ. मोहन यादव ने एमपी की राजधानी भोपाल से कर दिया है।
बता दें कि आज 11 मार्च को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केन-बेतवा एवं पार्वती-कालीसिंध-चंबल जल कलश यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह कलश यात्रा 11 से 13 मार्च तक परियोजना से लाभान्वित 17 जिलों के संभावित 3614 लाभान्वित गांवों में पहुंचेगी। इन जिलों में जल आधारित विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अंतर्गत केन-बेतवा लिंक परियोजना तथा पार्वती -कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के 17 जिलों के संभावित 3614 लाभान्वित गांवों में कलश यात्रा तथा जल आधारित विभिन्न कार्यक्रम होंगे।
इस अवसर पर एमपी सीएम डॉ. मोहन यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में उपस्थित प्रदेश के चयनित प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए। साथ ही उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की कामना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं।
साथ ही इन गांवों के स्कूलों में जल पर केंद्रित चित्रकला, निबंध, खेलकूद, वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित किए जाएंगे। इन गांवों में जल पर आधारित दीवार लेखन एवं अन्य प्रचार प्रसार भी किया जाएगा। इन सभी गांवों में चलित वाहनों के माध्यम से परियोजना के लाभ एवं जल के महत्व पर केंद्रित फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जाएगा। कार्यक्रमों में स्व सहायता समूह, स्वयंसेवी संगठनों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
– मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण बेतवा नदी केन और बेतवा दो प्रायद्वीपीय नदियां हैं। इन नदियों का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश है और ये उत्तर प्रदेश में यमुना नदी में मिलती हैं।
– केन नदी में पानी की आवक बहुतायत है लेकिन इसका पानी ज्यादा उपयोग नहीं हो पाता है।
– दूसरी तरफ बेतवा नदी में पानी की कमी के कारण ऊपरी बेतवा बेसिन की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रहीं।
– केन नदी से सूखा ग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र की इस परियोजना से 7 लाख से भी ज्यादा हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जा सकती है।
– केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट में एमपी के छतरपुर जिले में दौधन गांव के पास केन नदी पर दौधन बांध बनाया जाना है।
– इस बांध में 2853 मिलीयन क्यूबिक लीटर पानी का भंडारण किया जा सकेगा।
– इसका कुल डूब क्षेत्र 9 हजार हेक्टेयर होगा।
– दौधन बांध से अतिरिक्त पानी को बेतवा बेसिन में स्थानांतरित करने के लिए 221 किलोमीटर लंबी लिंक केनाल का निर्माण किया जाएगा।
– इसके अलावा दौधन बांध पर दो पावर हाउस बनाए जाएंगे।
– इनकी कुल क्षमता 78 मेगावॉट होगी।
– दौधन बांध पर 75 प्रतिशत निर्भोक्ता पर सालान 6580 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध होगा।
– 2023 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी दौधन बांध से नीचे बांदाकेन नदी में छोड़ा जाएगा।
– इससे बरयारपुर वियर से 1306 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में और 224 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी छतरपुर जिले में सिंचाई के लिए दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुशासन और समावेशी विकास के संकल्प को पूरा करने की ओर मध्य प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मूल आधार कृषि को और उन्नत बनाने की दिशा में साकार होने जा रहीं दो बड़ी राष्ट्रीय परियोजनाएं केन-बेतवा लिंक और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी।
-डॉ. मोहन यादव, एमपी सीएम
– केन बेतवा पार्वती कालीसिंध योजना मध्यप्रदेश के लिए परमात्मा का वरदान है। – मध्यप्रदेश में हजारों हजार साल से ये नदियां जीवनदायिनी बनकर, हम सबके बीच अपना मार्ग तय कर रही हैं।– ड्यूटी देकर जो प्रमाण दिए हैं, आपके लिए हमें सदैव गर्व होगा।
– कानून व्यवस्थाओं के लिए जो काम करेगा सरकार उसके साथ खड़ी है। सैनिक अकेले नहीं हैं, सरकार उनके साथ है।
– आधुनिक टेक्नोलॉजी से रजिस्ट्री कराने के एक निश्चित प्रक्रिया के बाद अपने आप एक निश्चित प्रक्रिया से नामांतरण होकर राजस्व रिकॉर्ड में नाम चढ़ जाएगा।
– पूरा देश यशस्वी पीएम के शासन में गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
– भारत ने दुनिया में पहचान पाई है।
– पीएम का नेतृत्व दुनिया भर में पूजा जा रहा है
– अब किसी की हिम्मत नहीं कि भारत की ओर आंख उठा ले।ये भी पढ़ें : MP Patwari Bharti 2023: पटवारी भर्ती प्रक्रिया के दूसरे चरण को लेकर आई बड़ी खबर, यहां पढ़ें Recruitment अपडेट