भोपाल

…तो इस वजह से कमलनाथ नहीं कूद रहे हैं कर्नाटक के मैदान में!

कर्नाटक संकट से पार्टी को निकालने के लिए एमपी सीएम कमलनाथ क्यों नहीं गएं बेंगलुरु।

भोपालJul 14, 2019 / 03:46 pm

Muneshwar Kumar

karnatka crisis

भोपाल. कर्नाटक ( karnatka crisis ) में नाटक जारी है। बागी विधायक मानने के तैयार नहीं हैं। कांग्रेस और जेडीएस ( Karnatka government ) के अब तक कुल 15 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में कर्नाटक संकट ( karnataka crisis updates ) से पार्टी को उबारने के लिए कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ( Madhya Pradesh CM Kamal Nath ) को जिम्मेदारी सौंपी। सीएम कमलनाथ को पार्टी ने बेंगलुरु जाने के लिए कहा। लेकिन बताया जा रहा है कि कमलनाथ अभी तक बेंगलुरु नहीं गए हैं।
 

मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ कई मौकों पर पार्टी के लिए संकटमोचक साबित हुए हैं। इस बार भी पार्टी ने उन्हें यही सोच कर जिम्मेदारी सौंपी है। कहा जा रहा था कि कमलनाथ शनिवार को शाम तक बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे। लेकिन वह बेंगलुरु नहीं गए हैं। सीएम अभी भी भोपाल में ही हैं। ऐसे में सवाल है कि आखिरी सीएम कर्नाटक के मैदान में दिलचस्पी क्यों नहीं दिखा रहे हैं।
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दरअसल, कर्नाटक के नाटक में अभी तक जो हुआ है, उससे यह तो स्पष्ट है कि बात बहुत आगे निकल गई है। अब इस स्थिति को संभालना इतना आसान नहीं है। क्योंकि जेडीएस और कांग्रेस के पंद्रह विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। साथ ही कुमारस्वामी की सरकार को समर्थन दे रहे दो निर्दलीय विधायकों ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और भाजपा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।
 

बिगड़े हालात को संभालना आसान नहीं
ऐसे में जानकार मानते हैं कि जब कर्नाटक की परिस्थिति इस कदर बिगड़ गई है तो सीएम कमलनाथ उसमें शायद खुद को शामिल कर अपनी किरकिरी नहीं करवाना चाहते हैं। अगर इन विधायकों के इस्तीफे मंजूर हो जाते हैं तो जेडीएस और कांग्रेस की सरकार के पास बहुमत नहीं रहेगी। ऐसे में बीजेपी की सरकार बनने की संभावना दिखती है। मंगलवार यानी 16 मई को कर्नाटक के बागी विधायकों के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। ऐसे में सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर ही टिकी है। वहीं, बागी विधायक भी अभी तक झुकने को तैयार नहीं है। इन परिस्थितियों में अगर एमपी सीएम कमलनाथ वहां जाते भी हैं तो उनके लिए बहुत करने को वहां बचा नहीं है।
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CM Kamal Nath
 

खुद की सरकार पर भी है संकट
मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार भी बैशाखी पर चल रही है। पार्टी यहां भी बहुमत से दूर है। कांग्रेस की सरकार मध्यप्रदेश में निर्दलीय, बसपा और सपा के समर्थन से चल रही है। साथ ही बीच-बीच में समर्थन कर रहे विधायक मंत्री बनने की चाहत भी जाहिर कर देते हैं। ऐसे में बीजेपी भी लगातार दावा करती रही है कि ये सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी। ऐसे में सीएम कमलनाथ खुद की सरकार बचाने के लिए ही जद्दोजेहद में लगे रहते हैं। कमलनाथ खुद भी कह चुके हैं कि हमारे विधायकों को बीजेपी की तरफ से प्रलोभन मिल रहे हैं।

17 जुलाई को बुलाई है बैठक
सीएम कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में 17 जुलाई को विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सरकार में शामिल सभी विधायक शामिल होंगे। साथ ही विधायकों को इस बैठक में उपस्थित रहने का निर्देश भी दिया गया है। कर्नाटक के नाटक के बाद सीएम कमलनाथ की पूरी कोशिश है कि अपने विधायक को एक साथ रखें। साथ ही सबकी बात सुनें।
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CM Kamal Nath
 

इसलिए कर्नाटक से दूर हैं सीएम
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी के अंदर से ही नेतृत्तव पर सवाल उठ रहे थे। कमलनाथ ने उस वक्त हार के लिए खुद को जिम्मेवार ठहराते हुए जिम्मेवारी ली थी और कहा था कि हम अपनी बातों को सही तरीके से लोगों तक नहीं पहुंच पाएं। ऐसे में अब सीएम बिगड़ते हालातों में कर्नाटक का बीड़ा खुद के कंधों पर उठाकर अपनी किरकिरी नहीं करवाना चाहते हैं। शायद यही वजह है कि वह कर्नाटक जाने से बच रहे हैं।

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