कर्नाटक के संकट को खत्म करने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को पार्टी ने जिम्मेदारी सौंपी है । कहा जा रहा है कि कमलनाथ पार्टी के बागी विधायकों से बात करने की कोशिश करेंगे। साथ ही पहले से वहां मौजूद कांग्रेस के दिग्गज नेताओं से बात कर नए फॉर्मूले की तलाश करेंगे। क्योंकि एमपी सीएम कमलनाथ के कांग्रेस के पुराने नेताओं से संबंध अच्छे हैं। साथ ही गांधी परिवार के करीबी लोगों में से एक हैं।
उधर कमलनाथ ने 17 जुलाई को कांग्रेस विधायक दल की भोपाल में बैठक बुलाई है। इस बैठक में उन्होंने पार्टी के सभी विधायकों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। विधायक दल की बैठक से पहले भोपाल में डिनर डिप्लोमसी भी हुआ था। जिसमें कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे थे। इस भोज के बहाने कमलनाथ और सिंधिया ने बंद कमरे में बात भी की थी।
मध्यप्रदेश सीएम कमलनाथ को पार्टी कई मौकों पर बड़ी जिम्मेवारी देती रही है। माना जाता है कि कमलनाथ कांग्रेस के लिए संकटमोचक हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस को जब लग रहा था कि बीजेपी सत्ता में वापसी नहीं कर रही है तो सोनिया गांधी ने कमलनाथ को विपक्षी दल के बड़े नेताओं से बात करने की जिम्मेवारी सौंपी थी। हालांकि कांग्रेस को बहुमत नहीं मिली। ऐसे में पार्टी को कर्नाटक संकट के बाहर निकालने की जिम्मेवारी भी कमलनाथ को दी गई है।