एक हजार करोड़ का होगा कर्ज
सरकार इस बार एक हजार करोड़ का होगा कर्ज लेगी। जून महीने में यह दूसरा मौका है जब सरकार बाजार से भारी भरकम कर्ज उठाएगी। सरकार की माने तो यह कर्ज इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए लिया जा रहा है। कभी विपक्ष की भूमिका में बैठी कांग्रेस जिस कर्जे को लेकर सत्तासीन सरकार को घेरने का कोई कोर-कसर नहीं छोड़ती थी वह अब खुद उसी रास्ते पर दिखाई दे रही है। लिहाजा अप्रैल 2019 से अभी तक सरकार 5 बार में 4 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है और अकेले वित्तीय साल 2019-20 में ही 35 हजार करोड़ रुपये तक कर्ज लेने की उम्मीद जताई जा रही है।
कर्ज लेने की शुरुआत फरवरी से हुई
एक फरवरी, 11 फरवरी, 22 फरवरी और 28 फरवरी, 8 मार्च, 25 मार्च, पांच अप्रैल, 30 अप्रैल और 4 मई, 30 मई और 5 जून को अभी तक सरकार कर्ज ले चुकी है। कर्ज के बोझ तले दबते मध्यप्रदेश की बचाने के लिए कमलनाथ सरकार चिंतित भी दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने मंत्रियों को फिजूलखर्ची से बचने और लग्जरी होटलों में न रुकने की सलाह पहले ही दे चुके हैं। अब कम खर्चे के उपाय पर भी जोर दिया जा रहा है। सभी विभागों से गैर जरूरी योजनाओं को बंद करने को भी कहा गया है। तो एक जैसी योजनाओं को आपस में मिलाने पर भी काम किया जा रहा है। सरकार का पूरा जोर विभाग की आय बढ़ाने पर भी है। अधिकारियों से बिजनेस मॉडल को अपनाने की बात कही जा चुकी है और वसूली के भी आदेश दिए गए हैं।