कांग्रेस के विज्ञापन में लिखा है। 1993 में भी कमल नाथ के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा थी। बताया जाता है कि तब अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह का नाम आगे कर दिया। इस तरह कमल नाथ उस समय सीएम बनने से चूक गए थे। अब 25 साल बाद दिग्विजय के समर्थन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है।
विज्ञापन में कमलनाथ की हार का भी जिक्र किया गया है। इस विज्ञापन में लिखा है। छिंदवाड़ा से कमलनाथ को 1996 में हार का भी सामना करना पड़ा था। उस समय उन्हें सुंदरलाल पटवा ने चुनाव मैदान में पटखनी दी थी।
बता दें कि कमलनाथ काम नाम सन 1996 में हवाला कांड में आया। जिसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया। कांग्रेस ने इस बार कमलनाथ की जगह छिंदवाड़ा से उनकी पत्नी अल्का नाथ को लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाया। कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ चुनाव जीत भी गईं। हवाला कांड से बरी होने के बाद कमलनाथ ने अपनी पत्नी से इस्तीफा दिलाया और 1996 में उपचुनाव हुए। इस बार कांग्रेस ने कमलनाथ को टिकट दिया हालांकि कमलनाथ अपना चुनाव मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम सुंदर लाल पटवा के हाथों हार गए। छिंदवाड़ा में कमलनाथ के राजनीतिक जीवन की एक मात्र हार है।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था पर वो राज्य का सबसे बड़ा दल था। सीएम बनने की रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमल नाथ का नाम सबसे आगे था। कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह कमल नाथ को मध्यप्रदेश का सीएम नियुक्त किया था।