सीएम कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में रियल एस्टेट के नए नियमों को मंजूरी दी गई। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा, वित्तमंत्री तरुण भनोट और वाणिज्यकर मंत्री ब्रजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि कलेक्टर गाइडलाइन में मौजूदा दर से 20 फीसदी की कमी की गई है, लेकिन रजिस्ट्री की दर में गांव-शहर दोनों स्तरों पर बढ़ोतरी की है। अभी ग्रामीण क्षेत्र में 7.3 फीसदी रजिस्ट्री दर है, जो अब 9.5 फीसदी कर दी है। वहीं शहरों में दर 10.3त्न से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दी गई है।
गाइड लाइन से ज्यादा रजिस्ट्री पर एक्स्ट्रा चार्ज
प्रदेश में अब यदि कोई निर्धारित कलेक्टर गाइडलाइन से ज्यादा की दर पर रजिस्ट्री कराता है तो उसे उस अतिरिक्त मूल्य पर गांवों में 2.1 और शहरों में 5.1 फीसदी स्टाम्प ड्यूटी लगेगी। मसलन यदि किसी ने एक मकान 50 लाख का लिया है, जबकि उसकी कलेक्टर गाइडलाइन 40 लाख तक ही है तो संबंधित को 10 लाख के अतिरिक्त मूल्य पर गांव में 2.1 और शहर में 5.1 फीसदी स्टाम्प ड्यूटी अलग से लगेगी।
बेटी-पत्नी को फायदा
बेटी व पत्नी को संपत्ति में सह-स्वामी बनाने पर राहत मिलेगी। मात्र 1100 रुपए की स्टाम्प ड्यूटी में पत्नी-बेटी को संपत्ति में सह स्वामी बनाया जा सकेगा।
आम आदमी पर 3 बड़े असर
ये भी महत्वपूर्ण बदलाव
पारिवारिक विभाजन में स्टाम्प शुल्क 2.5 प्रतिशत से घटाकर 0.5 प्रतिशत कर दिया गया है।
परिवार में चल संपत्ति पर स्टाम्प शुल्क 2.5 फीसदी से घटाकर एक फीसदी कर दिया गया है।
प्लॉट पर मकान तो सिर्फ प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं होगी
प्रदेश में अभी कॉलोनाइजर या व्यक्ति प्लॉट की रजिस्ट्री कराता था और बाद में उस पर मकान बनाने का अलग से अनुबंध करके मकान बनाता था। इससे सरकार को केवल प्लॉट की रजिस्ट्री पर स्टाम्प शुल्क मिलता था। अब नए नियमों के अनुसार, प्लॉट पर मकान के साथ रजिस्ट्री हो पाएगी। इसमें प्लॉट और मकान दोनों के लिए स्टाम्प और पंजीयन शुल्क लगेगा।
आयकर का पेंच ऐसा, मिलेगी राहत
अभी तक आयकर विभाग 20 प्रतिशत टैक्स संपत्ति बेचने वाले पर और 30 प्रतिशत टैक्स संपत्ति खरीदने वाले पर लगाता था। इसमें अब कलेक्टर गाइडलाइन के घटने के कारण कम रेट पर रजिस्ट्री होगी।