इस संबंध में कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘नारी शक्ति को मैं विनम्र प्रणाम करता हूं। नारियों का सम्मान भारतीय परंपरा और कांग्रेस पार्टी की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। लेकिन, दुख की बात ये है कि, शिवराज जी के 18 साल के शासन में प्रदेश में महिलाओं की स्थिति निरंतर खराब होती गई। प्रदेश की पहचान महिलाओं पर अत्याचार की बनी है। महिला स्वास्थ्य सूचकांक में प्रदेश की दयनीय स्थिति है। गर्भवती महिलाओं को एंबुलेंस ना मिल पाने के समाचार आए दिन मिलते हैं। इस सारी स्थिति के लिए शिवराज सिंह चौहान सरकार ना सिर्फ जिम्मेदार है, बल्कि ये उनका पाप है।’
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चुनाव के समय याद आईं लाड़ली बहना
उन्होंने आगे ये भी लिखा कि, ‘महिलाओं से किये गए इसी पाप को धोने के लिए आज महिलाओं को कुछ आर्थिक सहायता देने का ढोंग शिवराज सरकार कर रही है। सबको पता है कि, बहनों के नाम पर शुरू इस योजना के नियम ऐसे बनाए गए कि, एक करोड़ से अधिक महिलाएं पहले ही अपात्र हो गईं। जिस तरह इन्होंने किसान सम्मान निधि में किसानों को रिकवरी नोटिस भेज दिए, वैसा ही ये लाड़ली बहना के नाम पर भी करेंगे। जिन लोगों ने 22000 झूठी घोषणा की है और हर बार अपने वादे से मुकर गए, चुनाव के समय उन्हें लाड़ली बहना याद आ रही है।’
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‘कांग्रेस जो वचन देती है, उसे निभाती भी है’
‘बहनों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। 5 महीने बाद प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी। हम नारी सम्मान योजना के जरिए बहनों को 1500 रुपए हर महीनें देंगे। महंगाई से राहत देने के लिए गैस सिलेंडर के लिए 500 रुपए दिये जाएंगे। यही नहीं कांग्रेस सरकार 100 यूनिट तक बिजली बिल माफ करेगी और 200 यूनिट तक बिजली बिल हाफ करेगी। किसानों की कर्ज माफी और पुरानी पेंशन योजना लागू करने जैसी सौगात भी कांग्रेस सरकार देगी। कांग्रेस जो वचन देती है, उसे निभाती भी है। कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकारों ने अपने वचन का पालन किया है और जो कहा, वह किया है।’
आधी आबादी को कौनसी योजना पसंद आएगी ?
आपको बता दें कि, चुनावी साल में शिवराज सरकार की ओर से लॉन्च की जा रही ‘लाड़ली बहना’ योजना को प्रदेश भाजपा मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देख रही है। कांग्रेस भी इस योजना को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश में सीएम शिवराज की योजना का काट करने के लिए ‘नारी सम्मान’ योजना लॉन्च करने की घोषणा कर चुकी है। फिलहाल, देखने वाली बात ये होगी कि, इस बार प्रदेश की आधी आबादी मानी जाने वाली महिलाएं अगले विदानसभा चुनाव मे किसे सत्ता की चाबी सौंपती हैं।