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ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को ये 10 बड़े फायदे होने की प्रबल संभावना है…
1-ये बात तो प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर के लोगों में चलने लगी है कि, सिंधिया समेत उनके 22विधायकों के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद मौजूदा कमलनाथ सरकार अल्पमत में आने के कारण गिरने की कगार पर आ गई है। सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने से मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार एक बार फिर बनने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। अगर कोई बड़ा फेर बदल नहीं हुआ तो ये साफ तौर पर नजर आने लगा है कि, विधानसभा में नए अंकगणित के हिसाब से कमलनाथ सरकार खतरे में है और पूर्ण बहुमत होने के चलते बीजेपी की सत्ता वापसी होने की संभावनाएं अधिक हैं।
2-सिंधिया को चुनने पर बीजेपी का दूसरा फायदा ये कि, बतौर राज्यसभा में मध्य प्रदेश से बीजेपी को एक सीट का फायदा हो सकता है। क्योंकि, सिंधिया के साथ 22 विधायकों ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है, जिससे वहां का गणित बदल गया है।
3-मध्य प्रदेश में बीती विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल संभाग में बीजेपी का खराब प्रदर्शन रहा था। सामने आए नतीजों में बीजेपी को पता चला कि, इसका बड़ा कारण सिंधिया ही थे। क्योंकि, ये इलाका शुरु से ही सिंधिया का गढ़ माना जाता रहा है। कांग्रेस ने यहां से 75 फीसदी सीटें जीती थीं। ज्योतिरादित्य के बीजेपी में आने से इस इलाके की 34 विधानसभा सीटों पर बीजेपी की ताकत बढ़ेगी।
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4-सिंधिया के बीजेपी में आने का असर उनके परिवार के प्रभाव में आने वाले मध्य प्रदेश से लगे राजस्थान और उत्तर प्रदेश के इलाकों में भी दिखेगा। क्योंकि, मौजूदा समय में पूरा सिंधिया परिवार ही बीजेपी का हिस्सा है।
5-बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को मध्य प्रदेश के क्षेत्रीय क्षत्रप शिवराज सिंह चौहान के साथ शक्ति संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी। राजनीतिज्ञ इसे बड़ी वजह मानते हैं, क्योंकि सिंधिया को शिवराज के बाद या विकल्पिक तौर पर मध्य प्रदेश में पार्टी का बड़ा चेहरा बनाकर पेश किया जा सकता है।
6-बीजेपी के नजरिये से ये अनुमान भी लगाया गया है कि, सिंधिया के इस्तीफे से कांग्रेस में पहले से दबे-छिपे तरीके से जारी अंदरूनी कलह को आवाज मिलेगी, जो अब दिखना शुरु भी हो गया है। इससे कांग्रेस के और भी कई असंतुष्ट नेता भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
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7-मध्य प्रदेश बीजेपी में अब तक किसी लोकप्रीय युवा नेता की कमी थी, जो निर्विवाद भी हो और सौम्य छवि का धनी भी हो, जिसके दम पर अच्छी तैयारी करके प्रदेश के युवाओं के लिए बढ़िया नेता दिया जा सकता है। बीजेपी में सिंधिया के शामिल होने से युवाओं के बीच पार्टी की पैठ बढ़ाई जा सती है। उन्हें युवाओं के बीच स्टार प्रचाकर की तरह पेश किया जा सकता है। साथ ही, बीजेपी उनके जरिये कांग्रेस पर ज्यादा आसानी से हमलावर हो सकती है।
8-सिंधिया की रिश्तेदारी जम्मू कश्मीर के डोगरा राजपरिवार यानी कांग्रेस के सीनियर नेता डॉ. कर्ण सिंह के घर में हैं। डॉ. कर्ण सिंह के बेटे और ज्योतिरादित्य के बहनोई विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस की आलोचना भी की है। उनके इस रवैए से बीजेपी को कश्मीर में फायदा मिलने की उम्मीद है। आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में बीजेपी को बड़ी और स्थानीय मदद की जरूरत भी है।
9-ज्योतिरादित्य की दादी राजमाता सिंधिया बीजेपी के पितृदल जनसंघ की संस्थापक सदस्यों में एक और बेहद आदरणीय मानी जाती हैं। बताया जाता है कि वो चाहती थीं कि, उनका पूरा परिवार एक पार्टी में रहकर ही देश सेवा करे। ज्योतिरादित्य की दोनों बुआ यशोधरा और वसुंधरा राजे पहले से बीजेपी में हैं। अब सिंधिया के बीजेपी में आने से राजमाता का ये सपना पूरा हुआ हैं। जिसका इमोशनल कार्ड सिंधिया रियासत में खेलने से बीजेपी को फायदा हो सकता है।
10- मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी एसेट्स के रूप में इस्तेमाल कर सकती है। क्योंकि, बीती विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की ओर से सिंधिया को ही प्रदेश के लोगों के बीच तालमेल बिठाने की तैयारी की गई थी, जिसका सीधा लाभ कांग्रेस को मिला था।