कैबिनेट की बैठक के दौरान प्रद्युमन सिंह अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान सीएम कमलनाथ ने कहा कि इन बातों को छोड़ों और आगे बढ़ों। इसके बाद मंत्री प्रद्युमन सिंह अड़ गए और कहने लगे कि आगे कैसे बढ़े। इस पर बात होनी चाहिए। फिर प्रद्युमन सिंह इसे मुद्दा बनाकर सीएम के सामने ऊंची आवाज में बात करने लगे।
प्रद्युमन सिंह तोमर को ऊंची आवाज में बात करते देख पीएचईडी मंत्री सुखदेव पांसे ने उन्हें टोका। सुखदेव पांसे ने प्रद्युमन सिंह से कहा कि ये कौन तरीका है, सीएम से बात करने का। सीएम से ऊंची आवाज में बात नहीं करते हैं। इसके बाद भी प्रद्युमन सिंह नहीं रुके। फिर दूसरे मंत्रियों ने भी उन्हें टोका तो वो मीटिंग छोड़कर जाने लगे। तब सीएम कमलनाथ ने कहा आप जाइए आपको रोका किसने है। प्रद्युम्न सिंह तोमर जाने लगे तो सिंधिया समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी सहित अन्य मंत्रियों ने उन्हें रोका। मंत्री तोमर और राजपूत ने कहा कि बैठक में कुछ मंत्रियों को ही बोलने दिया जाता है। इस पर कमलनाथ समर्थक मंत्री सुखदेव पांसे और तरुण भनोत नाराज हो गए।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आप मंत्री हो, आपको अपने अधिकार मालूम होना चाहिए। खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा, हमें पता है कि अफसर किसके इशारे पर हमें तवज्जो नहीं दे रहे हैं। यह सुनकर मुख्यमंत्री ने कहा, मुझे भी पता है कि आप किसकी दम पर इतना बोल रहे हैं।
हाल ही में ऐसी खबरें आ रही थी कि कमलनाथ कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। इस दौरान कहा जा रहा था कि सिंधिया खेमे के दो मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है। लेकिन राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा था कि मंत्रिमंडल का विस्तार अभी नहीं हो रहा। राज्यपाल से ये औपचारिक मुलाकात थी। बता दें कि लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार के बाद से सिंधिया समर्थक विधायक नाराज हैं।