मंत्रियों के प्रभार की सूची जारी होने के पहले भोपाल, इंदौर, ग्वालियर जैसे बड़े जिलों का दायित्व बीजेपी के पुराने और वरिष्ठ नेताओं को दिए जाने की बात कही जा रही थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह और प्रहलाद पटेल जैसे बीजेपी के सबसे सीनियर मंत्रियों में से किसी को भी इन जिलों का प्रभार नहीं दिया गया।
यह भी पढ़ें : कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल को क्यों नहीं मिले बड़े जिले, ट्वीट ने मचाई हलचल एक ओर जहां पार्टी के पुराने कद्दावर नेताओं को अहम जिलों से दूर रखा गया वहीं सीएम डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया Jyotiraditya Scindia को पर्याप्त महत्व दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह नगर और गृह लोकसभा के जिलों का प्रभार उनके पसंदीदा मंत्रियों को ही सौंपा गया है।
यह भी पढ़ें : Breaking – एमपी में बड़ा रेल हादसा, बेपटरी हुई रानी कमलापति सहरसा स्पेशल ट्रेन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जिस गुना शिवपुरी संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वहां उनके दो विश्वसनीय समर्थकों को जिलों को प्रभार दिया गया है। गुना जिले की जिम्मेदारी जहां मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को दी गई है वहीं शिवपुरी का प्रभार मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर को सौंपा गया है। ये दोनों ही मंत्री कांग्रेस के जमाने से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास समर्थक माने जाते रहे हैं।
यह भी पढ़ें : एमपी में उपभोक्ताओं को बड़ी सौगात, बिजली बिल में मिली 311 करोड़ की छूट सीएम मोहन यादव ने गृह लोकसभा के साथ ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह जिला यानि ग्वालियर का दायित्व भी उनके विश्वासपात्र मंत्री तुलसी सिलावट को दिया है। तुलसी सिलावट पहले भी ग्वालियर के ही प्रभारी मंत्री रहे हैं।
गृह लोकसभा और गृह जिले में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भरोसेमंद मंत्रियों को प्रभार देने और प्रदेश के बड़े जिलों में पार्टी के पुराने नेताओं का दावा नजरअंदाज करने पर कांग्रेसी तंज कस रहे हैं। हालांकि बीजेपी यह कहकर सफाई दे रही है कि सीएम मोहन यादव ने पार्टी के सीनियर नेताओं को 2-2 जिलों का प्रभार दिया है। वरिष्ठ नेता केबिनेट मंत्री राकेश सिंह को छिंदवाड़ा का प्रभार दिया गया है जोकि राजनैतिक रूप से प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण जिला है।