कांतिलाल भूरिया को जब झाबुआ उपचुनाव के लिए टिकट मिला तो सोशल मीडिया में कई तरह के पोस्ट वायरल हुए थे। कांतिलाल की जीत के बाद कहा गया कि वो मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम या फिर कैबिनेट मंत्री बनेंगे। लेकिन जानकारों का कहना है कि कमलनाथ सियासत के मझे हुए खिलाड़ी हैं वो इतना जल्दी कोई निर्णय नहीं लेंगे। कमल नाथ मध्यप्रदेश में आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष की मांग कर रहे हैं। कांतिलाल भूरिया मध्यप्रदेश के बड़े आदिवासी नेता हैं। ऐसे में कमलनाथ झाबुआ में जीत के बाद कांतिलाल भूरिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की सिफारिश कांग्रेस अलाकमान से कर सकते हैं।
कमलनाथ सरकार के मंत्री उमंग सिंघार ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर खुला हमला बोला था। उमंग सिंघार प्रदेश के बड़े आदिवासी नेताओं में से एक हैं। ऐसे में अगर कांतिलाल भूरिया का नाम प्रदेश अध्यक्ष के लिए बढ़ाया जाता है तो आदिवासी नेता उमंग सिंघार भी विरोध नहीं कर पाएंगे।
मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष के लिए आदिवासी चेहरा चाहते हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा आदिवासी इलाके में जीत दर्ज की थी। जबकि लोकसभा में पार्टी आदिवासी इलाकों में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। ऐसे में कमलनाथ आदिवासियों की नाराजगी दूर करने के लिए आदिवासी चेहरे पर दांव लगाना चाहते हैं।
झाबुआ उपचुनाव को लेकर खुद मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मोर्चा संभाला था। उन्होंने यहां रोड शो और जनसभाएं भी की थीं। लेकिन इश दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया नदारद थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार नहीं किया था।
कमल नाथ कैबिनेट में सिंधिया खेमे के मंत्रियों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग लगातार कर रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कई बार कमल नाथ सरकार पर हमला बोल चुके हैं। कमल नाथ के सामने सबसे बड़ी चुनौती अब सिंधिया खेमे का समर्थन प्राप्त करने की होगी। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया कह चुके हैं कि प्रदेश अध्यक्ष को लेकर जो भी फैसला होगा उन्हें स्वीकार है।