इमरती देवी ने कहा- पार्टी के इस फैसले से मैं बिल्कुल खुश नहीं हूं। पार्टी जाने, महाराज जाने या राहुल गांधी जानें पर मैं इस फैसले से बिल्कुल खुश नहीं हूं। अगर महाराज को कोई जिम्मेदारी देनी है तो मध्यप्रदेश में दें महाराष्ट्र में महाराज को कौन पूछेगा। इमरती देवी इस फैसले से बेहद नाराज दिखीं। बता दें कि इमरती देवी ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे की मंत्री हैं। इससे पहले उन्होंने कमल नाथ सरकार पर भी हमला बोला था।
वहीं, कमल नाथ खेमे के मंत्री सुखदेव पांसे ने शुक्रवार को कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराष्ट्र की जिम्मेदारी देने का मतलब ये नहीं है कि वो मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गए हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश में जल्द ही नए कांग्रेस अध्यक्ष की घोषणा की जा सकती है।
स्क्रीनिंग कमेटी महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर काम करेगी। लोकसभा चुनाव के दौरान बनाए गए थे महासचिव
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी का महासचिव बनाया गया था। उन्हें पश्चिमी यूपी का प्रभार सौंपा गया था। लेकिन पश्चिमी यूपी में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से अपना लोकसभा चुनाव भी हार गए हैं।