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मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से बुलाई गई राजनीतिक मामलों की मंत्रिपरिषद बैठक में विवाद से जुड़़ी कोई बात नहीं हुई। बैठक जैसे ही शुरू हुई तो मंत्री जीतू पटवारी ने कह दिया कि यहां कोई राजनीतिक चर्चा न करें, नहीं तो ये बातें मीडिया की सुर्खियां बन जाएंगी। इसके बाद सिर्फ सरकारी योजनाओं पर ही बात हुई। बैठक में बयानबाजी करने वाले मंत्री उमंग सिंघार और विधायकों के निशाने पर आए मंत्री तुलसी सिलावट भी मौजूद थे। उधर, तराना के कांग्रेस विधायक महेश परमार ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बयानबाजी करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। परमार ने कहा, बयानबाजी से पार्टी की छवि धूमिल हुई है इसलिए इन सब पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।
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राजनीतिक मामलों की बैठक में विवाद से जुड़े मुद्दों पर नहीं हुई चर्चा
विधायक बोले- मंत्री से नहीं हुई लेन-देन की बात
स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट पर गंभीर आरोप लगाने वाले सिंधिया समर्थक विधायक रणवीर जाटव और कमलेश जाटव अपने आरोपों से मुकर गए हैं। गुरुवार को रणवीर ने कहा, मैंने किसी की बातों में आकर बयान दिया था, जो सरासर गलत है। मेरी सिलावट से ऐसी कोई बात नहीं हुई और न ही किसी लेन-देन की बात हुई। विधायक कमलेश ने भी कहा, मैंने क्षेत्र की स्वास्थ्य समस्याओं पर मंत्री को अवगत कराया था। पैसों के लेन-देन की बात नहीं हुई और न ही मुझसे कोई मांग की गई। मंत्री सिलावट बोले, अपनी बात उचित प्लेटफॉर्म पर ही रखूंगा।
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जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है: सिंघार
वन मंत्री उमंग सिंघार ने गुरुवार को ट्विटर पर लिखा, उसूलों पर जहां आंच आए, टकराना जरूरी है, गर जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है। इससे पहले सिंधिया का भी ऐसा ही एक वीडियो वायरल हुआ था।
दिग्विजय ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया वादा
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, अतिथि शिक्षक और अतिथि विद्वान शिक्षकों को कांग्रेस वचन पत्र में किए गए वादों को हमें पूरा करना है। मुझे विश्वास है कि कमलनाथ वचन पत्र का हर वचन पूरा करेंगे।
अब सपा विधायक का आरोप- बिना पैसों के कोई काम नहीं करते मंत्री
छतरपुर. कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे समाजवादी पार्टी के एकमात्र विधायक राजेश शुक्ला ने आरोप लगाया कि तीन मंत्री तुलसी सिलावट, कमलेश्वर पटेल व बाला बच्चन बिना पैसा लिए कोई काम नहीं कर रहे हैं। कई मंत्रियों ने भ्रष्टाचार की दुकानें खोल रखी हैं। कांग्रेस सरकार को सिर्फ कांग्रेसियों से ही खतरा है। निर्दलीय एवं अन्य दल के समर्थक विधायक मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ हैं।
समर्थित विधायकों से बात करें सीएम: शेरा
निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने कहा कि सरकार में जो स्थिति चल रही है, उससे ऐसा लगता है भूकंप आ गया है। सात विधायकों ने सरकार को समर्थन दिया हैै। मुख्यमंत्री को इन विधायकों के सामने स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। हमें भी बहुत चिंता है, क्योंकि हमारा भविष्य इस सरकार में अंधकार में दिख रहा है।
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भार्गव ने मांगा समर्थन, फिर लिया यू-टर्न
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने निर्दलीय और सपा-बसपा के विधायकों से अपील की कि वे भाजपा का सहयोग करें, हमारे साथ आ जाएं। हम उन्हें अच्छी सरकार देंगे। इस बयान पर केन्द्रीय संगठन ने कड़ी नाराजगी जताई। इसके बाद भार्गव ने यू-टर्न ले लिया। उन्होंने कहा, निर्णय भाजपा को लेना है। मेरा मतलब सरकार गिराने से नहीं था। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, हमने तय किया कि किसी सरकार को जोड़-तोड़ से नहीं गिराएंगे।हम तो सड़कों पर आंदोलन करेंगे। सरकार में ऐसा तमाशा हो गया है कि समझ में नहीं आता कि क्या संज्ञा दें। जो कारनामे हो रहे हैं, उससे विकास ठप हो गया है। जनकल्याण रुक गया है, योजनाएं बंद हो गई हैं। केवल लूट मची है।