कहा जाता है कि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अपेक्स बैंक के अध्यक्ष अशोक सिंह को नापसंद करते हैं। लेकिन उनके नापसंद को एक बार फिर से दरकिनार कर कमलनाथ ने उन्हें नई जिम्मेवारी दी है। अशोक सिंह सिंधिया के गुट के नहीं माने जाते हैं। इसलिए वे बार-बार अशोक सिंह की ग्वालियर से उम्मीदवारी का विरोध करते रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो हाल ही में भोपाल दौरे के समय सीएम और सिंधिया की मुलाकात में अशोक सिंह के संबंध में बात हुई और सिंधिया को सहमति देनी पड़ी। दरअसल, सिंधिया गुट के मंत्री तुलसी सिलावट के घर पर डिनर का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में सीएम कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पहुंचे थे। डिनर शुरू होने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम कमलनाथ के बीच बंद कमरे में बात हुई थी। कहा जा रहा है कि अशोक सिंह के संबंध में यही बात हुई और सिंधिया को सहमति देनी पड़ी।
अपेक्स बैंक के अध्यक्ष अशोक सिंह पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खेमे के हैं। लेकिन दिग्विजय सिंह ने अपेक्स बैंक के लिए दूसरे नाम भी प्रस्तावित किए थे। इनमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नाम शामिल हैं। ऐसे में कहा यह भी जा रहा है कि कमलनाथ ने इस बहाने अपना वर्चस्व बढ़ाया है।
वहीं, निगम-मंडलों में अन्य नियुक्तियां विधानसभा के मानसून सत्र के बाद होंगी। संगठन ने साफ कर दिया है कि उन्हीं कार्यकर्ताओं को पद दिया जाएगा, जिन्होंने चुनाव में पार्टी को जिताने में भूमिका निभाई है। इस संबंध में दिल्ली की ओर से पहले ही सर्कुलर जारी हो चुका है। वहीं, प्रदेश प्रभारी रहे दीपक बावरिया ने कार्यकर्ताओं को चिट्ठी भेजकर भरोसा दिलाया था कि जिन्होंने अपना काम ईमानदारी से किया है, उन्हें ही मौका दिया जाएगा।