दरअसल मप्र विधान सभा चुनाव 2023 से पहले महाआर्यमन के द्वारा ग्वालियर अंचल में अपनी गतिविधियां बढ़ा दिए जाने से उनकी राजनीति में एंट्री की बातों को बल मिल रहा है। ऐसे में अब लंबे अंतराल के बाद सिंधिया परिवार से एक और नेता की एंट्री की सुगबुगाहट तेज होने से राजनैतिक हलचल बढ गई है। जानकारों की मानें तो जनता के बीच अपनी जमीन को भविष्य में मजबूत रखने के लिए इन दिनों खेल और धार्मिक कार्यक्रमों में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र महाआर्यमन सिंधिया भाग ले रहे हैं।
यहां ये भी जानकारी दे दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया से जुड़े हुए समर्थकों के यहां पर खासकर महाआर्यमन सिंधिया पहुंचते हैं और वहां उन समर्थकों से बातचीत करने के साथ ही उनका उत्साह भी बढ़ा रहे हैं। शिवपुरी जिले के करैरा विधानसभा क्षेत्र में इसी क्रम के तहत सिंधिया समर्थक नेता और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व विधायक जसवंत जाटव द्वारा कराए गए धार्मिक कथा के आयोजन में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पुत्र महाआर्यमन भी पहुंचे। जूनियर सिंधिया जब करैरा में साध्वी ऋतंभरा की कथा सुनने के लिए महाआर्यमन सिंधिया पहुंचे तो यहां पर शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री और मध्य प्रदेश के पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया मौजूद रहे।
चुनाव से पहले महाआर्यमन एक्टिव –
महाआर्यमन सिंधिया की इन गतिविधियों को आने वाले कुछ महीने में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव और इसके बाद लोकसभा चुनाव से जोडकर देखा जा रहा है। इन दिनों वे खासकर ग्वालियर संसदीय क्षेत्र के कई विधानसभा क्षेत्रों में वह जा रहे हैं। इसी क्रम में उनके द्वारा करैरा विधानसभा में आयोजित साध्वी ऋतंभरा की कथा में भाग लिया गया जहां पर उन्होंने कथा सुनी। इससे पहले जूनियर सिंधिया ने पोहरी विधानसभा क्षेत्र में भी एक क्रिकेट प्रतियोगिता के आयोजन में भी भाग लिया था। यहां सिंधिया समर्थक पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा के पुत्र की ओर से उन्हें आमंत्रित किया गया था।
आपको ये भी बता दें कि करैरा और पोहरी दोनों ही क्षेत्र ग्वालियर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
साध्वी ऋतंभरा का आशीर्वाद-
करैरा में पूर्व विधायक जसवंत जाटव द्वारा आयोजित कथा में सुप्रसिद्ध कथावाचक साध्वी ऋतंभरा कथा वाचन कर रही हैं। इसी दौरान साध्वी ऋतंभरा की कथा सुनने के लिए महाआर्यमन भी पहुंचे। यहां महाआर्यमन ने साध्वी ऋतंभरा की कथा को सुना। इसके बाद जूनियर सिंधिया ने व्यासपीठ के नजदीक पहुंचकर साध्वी ऋतंभरा का आशीर्वाद भी लिया। साध्वी ऋतंभरा जिस समय महाआर्यमन सिंधिया को आशीर्वाद दे रहीं थी उस समय वहां महाआर्यमन के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नेता बड़ी संख्या में मौजूद थेे।
वैसे तो महाआर्यमन की ओर से राजनीति में इस तरह अचानक कदम बढ़ा लेने से एकाएक प्रदेश में राजनीतिक हलचलें बढ़ गई हैं, लेकिन कई जानकारों का ये भी कहना है कि सिंधिया पूर्व में ही घोषणा कर चुके हैं कि सिंधिया के परिवार से एक ही व्यक्ति एक समय में राजनीति में रहेगा, ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि अपने इन दौरों से जूनियर सिंधिया न केवल वर्तमान में ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनीतिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि इसकी मदद से वह अपनी भविष्य की जमीन को भी मजबूत कर रहे हैं।
दरअसल इन दिनों सिंधिया परिवार से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन की सियासी एंट्री के कयास लगाए जा रहे हैं। यहां आपको जूनियर सिंधिया यानि महाआर्यमन सिंधिया से जुडी कुछ खास बातों की जानकारी देते चलें कि जूनियर सिंधिया अपने पिता ज्योतिरादित्य को बाबा महाराज और मां को अम्मा महारानी कहते हैं। जूनियर सिंधिया यानि महाआर्यमन सिंधिया का जन्म 17 नबंवर 1995 को हुआ है।
वहीं पूर्व में अमेरिका से अपनी पढ़ाई कम्प्लीट करके लौटे मीडिया से एक बातचीत के दौरान महाआर्यमन ने कहा था किए वो अपने लोगों के बीच आकर खुश हैं। सियासत में आने के सवाल पर उस समय महाआर्यमन ने कहा किए -मैं सालों बाद अब स्थाई रूप से ग्वालियर आया हूं। मैं जनता से मिल रहा हूं लोगों को समझूंगा उसके बाद राजनीति करूंगा।
वहीं कुछ समय पहले ही महाआर्यमन सिंधिया को मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन -एमपीसीए- के 6 सदस्यीय टीम में शामिल किया गया था। इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया भी एमपीसीए के अध्यक्ष रह चुके हैं, जबकि अब उनके बेटे की भी एमपीसीए में एंट्री हो चुकी है।
आगे क्या-
महाआर्यमन सिंधिया यानि जूनियर सिंधिया के राजनीति में प्रवेश से सिंधिया परिवार की राजनीति में दखल और अधिक बढ़ जाएगी। महाआर्यमन के राजनीति में आने से सिंधिया परिवार जहां खोई हुई राजनीतिक जमीन को यह वापस पा सकता हैं, तो वहीं महाआर्यमन अपनी राजनीतिक जमीन पर इस दौरान की गई मेहनत से अच्छी तरह पकड़ बना सकते हैं।