दरअसल, जूडा द्वारा अपनी मांगों को लेकर की गई हड़ताल के बाद न्यायालय के कहने के बाद | आंदोलन खत्म हो गया था। लेकिन आंदोलन खत्म करने के दौरान चेहरे पर अपनी गलती का भाव ना दिखने से नाराज विभाग के अधिकारियों ने जूडा के तीन पदाधिकारियों के डॉक्टरी पंजीयन निरस्त करने के निर्देश दिए थे।
यही नहीं उन्होंने इसके लिए एनएमसी से मार्गदर्शन मांगा था। इसमें करीब 24 जूडा के पंजीयन निरस्त करने का आदेश वापस हो गया, लेकिन भोपाल जूडा के तीन पदाधिकारियों के रजिस्ट्रेशन कैसेल करने की कार्रवाई रद्द नहीं हुई। जूडा भोपाल के अध्यक्ष डॉ हरीश पाठक का कहना है कि जब तक चिकित्सा शिक्षा विभागपंजीयन निरस्तीकरण के आदेश को वापस नहीं लेता है तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
प्रदेश के मेडिकल कॉलेज द्वारा संचालित अस्पतालों में नपहले ही दिन मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि जूनियर डॉक्टर की जगह सीनियर डॉक्टरों की अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे हैं। अब सीनियर डॉक्टरों के इमरजेंसी सेवा में चले जाने के चलते ओपीडी प्रभावित हो गई है।