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अब तक हाथ नहीं लगा कोई सुराग
राजधानी के बाल संप्रेषण गृह से 8 बच्चे खिड़की तोड़कर भागे थे। जांचमें सामने आया कि, जिस समय बच्चे खिड़की तोड़कर भागे उस समय पूरा स्टाफ सो रहा था। मामले की तफ्तीश में जुटी पुलिस का उस दौरान कहना था कि, बच्चों की छानबीन की जा रही है, जल्द ही उनका पता लगा लिया जाएगा। घटना के बाद से ही यहां महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई। बावजूद इसके तब से लेकर अब तक मामला जांच में ही अटका है। भागे हुए बच्चे कहां हैं, इसपर अब तक किसी जिम्मेदार को कोई जानकारी नहीं हैं।
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40 घंटे बीत चुके, फिर भी हाथ खाली
इधर प्रदेश के सागर बाल संप्रेक्षण गृह से रविवार को एक बार फिर 5 बाल अपचारी भागने में कामयाब हो गए। बच्चों को भागे हुए 40 घंटों से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन अब तक सागर पुलिस को कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है। हालांकि, संप्रेषण गृह में लगे सीसीटीवी कैमरे में उनके भागने की घटना कैद हो गई थी। जिसके आधार पर रविवार को पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि, सीसीटीवी में कैद हुई गतिविधि के आधार पर सभी अपचारियों को ढूंढ लिया जाएगा। फिलहाल, पुलिस इसपर भी कोई प्रतिक्रिया देने को तैयार नहीं है।
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ताला खोलकर भागे अपचारी
सागर बाल संप्रेक्षण केन्द्र की घटना में हैरानी की बात ये है कि, यहां बच्चे रात के अंधेरे में कोई तोड़फोड़ करके नहीं भागे, बल्कि दिन दहाड़े सुधार गृह के पीछे के गेट का ताला खोलकर भागे हैं। कैदियों के बाल गृह से भागने की घटना भी वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई, जिसके आधार पर पुलिस द्वारा उन्हें तुरंत पकड़ लेने का दावा भी किया गया। हालांकि, यहां भी भागे हुए पांचों बच्चों का कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा है।
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सीसीटीवी में कैद हुई घटना
बाल संप्रेक्षण केन्द्र से पुलिस प्राप्त हुई सीसीटीवी में साफ तौर पर देखा गया कि, पांचों अपचारी उस समय भागे जब बाल सुधार गृह में नाश्ते का समय था। स्टाफ अन्य सभी अपचारियों को नाश्ता दे रहा था। उसी दौरान भागे हुए पांचों अपचारी संरक्षण गृह के पीछे के दरवाजे की ओर बढ़े, वहां जाकर उनमें से एक ने जेब से चाबी निकालकर ताला खोला, बाकि कैदी पहरेदारी में लगे रहे। जैसे ही ताला खुला, वो सभी दरवाजा खोलकर वहां से भाग निकले।
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चार महीने में इसी बाल सुधार गृह में दूसरी घटना, पर…
हालांकि, ये कोई पहली बार नहीं हैं, जब सागर के बाल संप्रेक्षण गृह से बाल अपचारी फरार हुए हों। जानकारों की मानें तो चार महीनों के भीतर ही जेल ब्रेक की ये दूसरी घटना सामने आई है। चार महीने पहले भी बाल अपचारी यहां से भागने में कामयाब हुए थे। घटना के बाद अधिकारियों ने लापरवाही बरतने वाले स्टाफ को जमकर फटकार तो लगाई, पर अब तक उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। हालांकि, इसी बाल सुधार गृह में चार माह के भीतर एक ही बाल सुधार गृह की ये दूसरी और प्रदेश की ये तीसरी घटना है, जिसमें करीब 18 बच्चे भागने में कामयाब हुए हैं, जिनमें से कई बच्चों का अब तक कोई सुराग नहीं है।