– फोरलेन और सिक्सलेन सड़कों के जमाने में बीआरटीएस की कुल 20 मीटर चौड़ी सड़क को तीन भागों में बांटा गया है।
– बीच वाली सड़क को लो फ्लोर बसों के लिए डेडिकेटेट लेन घोषित किया गया है। इस लेन के दोनों तरफ सामान्य वाहनों के चलने के लिए महज 10 मीटर संकरी सड़कें मौजूद हैं।
– मिसरोद से सावरकर सेतु के बीच बीयू के सामने, बागसेवनियां थाने के सामने, दानिश नगर, चिनार फॉरच्यून, शनि मंदिर, मिसरोद थाने तक डेडिकेटेड लेन में कट पाइंट हैं। यहां से वाहनों के मुडऩे के दौरान गंभीर हादसे लगातार हो
रहे हैं।
– आरकेएमपी स्टेशन से एमपी नगर तक टुकड़ों में डेडिकेटेड लेन है, जो ज्यादातर वक्त खाली रहती है। जबकि, बगल की दोनों सड़कों पर जाम के हालात बने रहते हैं।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी हाईवे पर 1 साल के अंदर 6 से ज्यादा दुर्घटनाएं होने पर उसे एक्सीडेंटल पॉइंट घोषित कर दिया जाता है। गाइडलाइन यह कहती है कि किसी भी हाईवे पर एक किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का टर्निंग या कट पॉइंट मौजूद नहीं होना चाहिए।
इन सब के विपरीत नर्मदापुरम रोड पर हर कदम पर कट पाइंट बनाए गए हैं। मिसरोद एवं बागसेवनिया थाना सहित बैरागढ़ इलाके में बीते पांच साल में पचास से ज्यादा मौतें बीआरटीएस पर दुर्घटनाओं में दर्ज की गई हैं।
दानिश एवं चिनार कट पाइंट बंद करने एवं आशिमा मॉल पर जंक्शन चौराहा तत्काल बनाने की जरूरत है। इस पर सैद्धांतिक मंजूरी आ गई है। इससे यहां एक्सीडेंटल स्पॉट खत्म किए जा सकेंगे।
– संदीप दीक्षित, एडीशनल डीसीपी, ट्रैफिक