योग प्राचीन काल से लोगों को निरोगी जीवन देने में मदद कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके योग के फायदे सिर्फ बड़ों तक ही सीमित नहीं हैं। इसको सही तरीके से विशेषज्ञ के निर्देशन में किया जाए, तो बच्चे भी इससे फायदा उठा सकते हैं। यह बच्चों के शारीरिक, मानसिक विकास में सहायक सिद्ध हो सकता है। यहां पढ़ें, बच्चों के विकास में योग कितना फायदेमंद हैं।
योग प्राचीन काल से लोगों को निरोगी जीवन देने में मदद कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके योग के फायदे सिर्फ बड़ों तक ही सीमित नहीं हैं। इसको सही तरीके से विशेषज्ञ के निर्देशन में किया जाए, तो बच्चे भी इससे फायदा उठा सकते हैं। यह बच्चों के शारीरिक, मानसिक विकास में सहायक सिद्ध हो सकता है। यहां पढ़ें, बच्चों के विकास में योग कितना फायदेमंद है।
स्ट्रेस करता है कम
स्कूल और घर के परिवेश की वजह से कई बार बच्चे तनाव का शिकार हो जाते हैं। योग करने से बच्चे में होना वाला स्ट्रेस कम हो सकता है। इससे तनाव को खत्म करने में मदद मिल सकती है। साथ ही बच्चों के नकारात्मक व्यवहार को भी कम कर सकते हैं।
अच्छी नींद में सहायक
कई बच्चों को गहरी नींद न आने की समस्या होती है। इस परेशानी का हल भी योग में ही छिपा है। एक रिसर्च के मुताबिक नींद न आना भी एक मनोवैज्ञानिक विकार है, जिसे योग की मदद से कुछ हद तक कम कर सकते हैं। योग करने से बच्चों की नींद की क्वालिटी में सुधार हो सकता है।
शैक्षिक प्रदर्शन बेहतर
बच्चों का शैक्षिक प्रदर्शन में सुधार लाने में योग सहायक हो सकता है। हाल ही हुई रिसर्च में कहा गया है कि रोजाना योग करने से बच्चे की एकेडमिक परफॉर्मेंस बेहतर हो सकती है। बच्चों के दिमाग पर पड़ने वाले पढ़ाई के दबाव को योग से नियंत्रित करके बच्चे को स्कूल में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने में मदद मिल सकती है।
रखता है रिलैक्स
बढ़ती उम्र में बच्चों का रिलैक्स रखना माता-पिता के लिए चुनौती होता है। योग बच्चों को अंदर से शांत और रिलैक्स रखने में मदद कर सकता है। इससे बच्चों को बार-बार आने वाला गुस्सा भी नियंत्रित हो सकता है। बस जरूरी है, तो योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने की।
बच्चों को योग करते समय बरतें ये सावधानियां….
-योग करने से पहले हल्का वॉर्म अप और स्ट्रेचिंग जरूर कर लें।
-पेट खाली हो तब ही करे योग।
-ऐसे योगासन चुनें, जो आसानी से हो जाएं।
-योग करते समय ढीले और आरामदायक कपड़े ही पहनें।
-खुली और शांत जगह पर ही योगा करें।
– पर्फेक्शन के चक्कर में शरीर पर ज्यादा जोर न दें।
-योग का अभ्यास जल्दीबाजी में न करें। अगर थकावट हो, तो योग करने से बचें।
-योगाभ्यास कभी भी कठोर सतह पर न करें। हमेशा चटाई, कंबल बिछाकर ही करें।
-हर पोज में आवश्यकतानुसार सांस लेने-छोड़ने या फिर सामान्य गति से सांस लेते रहें।
-अगर किसी बच्चे को चक्कर आने की समस्या हो, तो उन्हें जटील आसन करने से बचना चाहिए।
-घुटने, जोड़ों व टखने के दर्द की समस्या वाले बच्चों को सेतुबंधासन और भुजंगासन नहीं करना चाहिए।
– अगर किसी बच्चे को हर्निया और अल्सर जैसी समस्या हो, तो धनुरासन व भुजंगासन नहीं करें।
-गर्दन की समस्या से पीड़ित बच्चों को त्रिकोणासन नहीं करना चाहिए।
-दिल की समस्या से ग्रस्त बच्चों को धनुरासन से बचना चाहिए।
-हमेशा एक्सपर्ट की सलाह-देखरेख में ही योग करें।