अब पुलिस ने किरायेदार और निजी कंपनियों में काम कर रहे कर्मचारियों के वेरिफिकेशन में सख्ती शुरू कर दी है। पुलिस का पूरा फोकस बांग्लादेशी, अफगानिस्तान और रोहिंग्या पर है। प्रदेश में अवैध रूप से घुसपैठ करने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस को शहर के कुछ इलाकों में बाहरी लोगों के रहने की जानकारी भी मिली थी।
भोपाल में आतंकियों के पकड़े जाने के बाद से पुलिस का जोर किरायेदार और कर्मचारियों की जानकारी जुटाने जुट गई है। भोपाल पुलिस कमिश्नर ने इसके लिए धारा-144 के तहत आदेश भी जारी कर दिया था। हालां वैरिफिकशन के बीच में पुलिस आयुक्त ने किराएदारों का नोटरी एग्रीमेंट लाने की अनिवार्यता से छूट दे दी थी। अब मकान मालिक अपने किराएदार की जानकारी एक प्रपत्र में थाने में जमा कर सकते हैं।
पुलिस नगर सुस्क्षा समिति के हजारों सदस्यों की सहायता से घर-घर जाकर जानकारी ले रही है। पुलिस की इंटेलीजेंस विंग भी इस मामले में सक्रिय है। शहर के होटलों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी ठहरने वालों की जानकारी भी प्रतिदिन थाने में दी जाए। जानकारी में रुकने वालों के आधार पेनकार्विड सहित परिचय पत्र भी देना होगा। इसेक साथ ही विदेशी लोगों की जानकारी को लेकर खासतौर पर सख्ती की है। यदि किसी भी होटल में विदेशी आता है तो उसका फॉर्म भरकर पहलचान-पत्र के साथ पुलिस को देना अनिवार्य है।
प्रारूप में यह जानकारियां जरूरी
पुलिस विभाग के किराएदार बाबत सूचना प्रारूप में 10 बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है। इसमें मकान मालिक का पूरा नाम, फोन नंबर किराएदार का नाम पिता का नाम उम्र उसका फोटोग्राफ पारिवारिक सदस्यों के नाम एवं उम्र एवं स्थाई पते फोन नंबर सहित देने होंगे। इसके अलावा किराएदार का व्यवसाय या कार्यालय का पूरा पता, किराएदार के वाहन का प्रकार एवं नंबर, यदि किराएदार के पास कोई शस्त्र लाइसेंस है तो उसका पूरा विवरण किराए के भवन की जानकारी एवं गारंटर का नाम एवं किराएदार से संबंधित की जानकारियां प्रारूप में भरकर देनी हैं।