इंदिरा गांधी के ‘तीसरे बेटे’ थे कमल नाथ
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ का अपना तीसरा बेटा कहती थीं। आपातकाल के बाद जब पहली बार कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई थी तब संजय गांधी के कहने पर कमल नाथ ने राजनीति में कदम रखा था। उन्हें संजय गांधी ने मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ने के लिए कहा था। पहली बार कमलनाथ 1980 में कांग्रेस सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे और इसके साथ ही इंदिरा गांधी की भी सत्ता में वापसी हुई। 1980 के लोकसभा चुनाव में जब कमल नाथ पहली बार चुनाव लड़ रहे थे तब इंदिरा गांधी उनका प्रचार करने छिंदवाड़ा पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने कहा था कि राजीव और संजय गांधी के बाद कमल नाथ मेरे तीसरे बेटे हैं और मैं अपने बेटे के लिए वोट मांगने आई हूं।
इंदिरा गांधी के निधन के बाद कमलनाथ ने उनकी अर्थी को कंधा दिया था। कमल नाथ ने इंदिरा के निधन की फोटो भी शेयर की है। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा- इंदिरा मां के नेतृत्व और मातृत्व का प्रतिसाद मुझे सदा मिला। आज उनके अवसान दिवस पर द्रवित भी हूं और अखंड भारत के लिए उनके बलिदान पर गर्वित भी। वे सिर्फ़ स्मृतियों में नहीं, आदर्शों में भी मेरे साथ हैं।
आपातकाल के बाद 1979 में देश में जनता पार्टी की सरकार बनी थी। जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद संजय गांधी को एक मामले में कोर्ट ने तिहाड़ जेल भेज दिया। जब संजय गांधी जेल पहुंचे तो इंदिरा गांधी संजय की देखभाल और सुरक्षा को लेकर चिंतित थीं। कहा जाता है कि तब कमल नाथ ने जान बूझकर एक जज से लड़ाई लड़ी और जज ने उन्हें भी अवमानना के चलते सात दिन के लिए तिहाड़ भेज दिया। इस दौरान वो संजय गांधी के साथ रहे और उनकी देखभाल की।
कमल नाथ गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों से साथ में हैं। संजय गांधी से कमल नाथ की दोस्ती थी तो राजीव गांधी के भी करीबी रहे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के भी सबसे भरोसेमंद साथी माने जाते हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के बाद राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह कमल नाथ को मध्यप्रदेश की सत्ता सौंपी थी।