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भोपाल

यहां हुई मानसून की जोरदार एंट्री, झमाझम बारिश ने एक झटके में बदला मौसम का मिजाज

इस साल मानसून के लिए लोगों को पिछले करीब एक दशक में सबसे लंबा इंतजार heavy monsoon coming to india

भोपालJun 24, 2019 / 03:13 pm

दीपेश तिवारी

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मानसून की जोरदार एंट्री,

भोपाल। मध्य प्रदेश में लंबे इंतजार के बाद मानसून ने दस्तक दे दी है। इसके चलते सोमवार को मंडला छिंदवाड़ा और खंडवा में झमाझम बारिश शुरू हो गई है। वहीं इससे पहले मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर रविवार को प्री—मानसून की वर्षा भी दर्ज की गई।

मानसून की देरी से चिंतित लोगों के संबंध में मानसून के जानकार एके शर्मा का कहना है, भले ही इस बार मानसून मध्यप्रदेश में देरी से आया है, लेकिन इस बार तेज व अच्छी बारिश की संभावना अब तक बनी हुई है।

मौसम विभाग के अनुसार मंडला छिंदवाड़ा और खंडवा में सोमवार सुबह से मानसून की बारिश जारी है। वहीं बालाघाट में शाम के समय तेज बारिश की संभावना है।

वहीं भोपाल को लेकर शर्मा का कहना है कि अगले दो दिन यहां बारिश के रह सकते हैं। वहीं इस दौरान तेज हवा चलने का भी अनुमान है। वहीं इसके बाद 27 व 28 जून को आसमान में बिजली कड़कने व बादल छाए रहने का अनुमान है। जबकि 29 जून को केवल आसमान में बादल का हल्का जमावड़ा रहेगा। वहीं 30 जून को आसमान में काले बादलों के चलते मौसम का डरावना रूप देखने को भी मिल सकता है।

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देश में मौसम का हाल…
वहीं जानकारों के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून को अनुकूल परिस्थितियां मिलने से मानसून अच्छी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में यह मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, विदर्भ नागपुर और उत्तर प्रदेश के वाराणसी और बहराइच तक भी बढ़ रहा है। इसी तरह अरब सागर ब्रांच से मध्य भाग कोंकण, दक्षिणी गुजरात होता हुआ मध्यप्रदेश के दक्षिणी पूर्व और दक्षिण पश्चिम मध्यप्रदेश में अगले चौबीस घंटों में आने की संभावना है।


मानसून की रफ्तार…
मौसम विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस साल मानसून के लिए लोगों को पिछले करीब एक दशक में सबसे लंबा इंतजार करना पड़ा। हालांकि, वहीं बीते 4 दिनों में मानसून ने रफ्तार पकड़ी और 10 राज्यों तक पहुंच गया। बताया जाता है कि 19 जून से मॉनसून ने तेज रफ्तार पकड़ी है और अब यह तेजी से पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में इस सप्ताह यानि 24 जून से 30 जून तक कई और हिस्सों में भी बारिश के साथ राहत की उम्मीद की जा रही है।

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बंगाल की खाड़ी का असर…
शर्मा के अनुसार सेटेलाइट चित्रों के मुताबिक रविवार को मॉनसून पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी तक पहुंच गया। जबकि पिछले बुधवार को बंगाल की खाड़ी पर बने दबाव से मानसून में तेजी आनी शुरू हुई थी और 4 दिनों में ही यह तकरीबन 700 किलो मीटर के क्षेत्र तक पहुंच गया।
बताया जाता है बंगाल की खाड़ी पर बना यह दबाव सामान्य से अलग है क्योंकि इस साल मानसून अब तक वाराणसी पहुंच गया है, लेकिन मुंबई पहुंचना बाकी ही है। आम तौर पर मॉनसून के मुंबई पहुंचने की तारीख 10 जून रहती है। वहीं अगले 24 घंटे में मॉनसून के लखनऊ तक भी पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।
मानसून का पूर्वानुमान
वहीं दूसरी ओर शर्मा का कहना है कि अगले 2 दिनों में मानसून के मुंबई पहुंच सकता है। शर्मा का मानना है कि अगामी 1 से 2 दिन में मॉनसून के मुंबई पहुंच सकता है, जबकि 25 जून तक पूरे महाराष्ट्र में मॉनसून पहुंचने का अनुमान है।
वहीं इसके बाद मौसम में एक ठहराव की स्थिति बन सकती है।’ इसके साथ ही उत्तर भारत में मानसून अब और आगे बढ़ सकता है, इसका कारण लो प्रेशर सिस्टम माना जा रहा है।
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मॉनसून में देरी : औसत में कमी
वहीं अधिकांश जानकारों का मानना है कि इस बार वर्षा की कमी के आंकड़े की भरपाई नहीं हो पाएगी। इसका कारण ये है कि 19 जून तक औसत से 44% तक कम बारिश हुई थी, लेकिन पिछले 4 दिनों में हुई बारिश के बाद यह घटकर 38% तक पहुंचा है। हालांकि, अभी भी औसत से काफी कम मात्रा में बारिश हुई है। इस साल देरी से मॉनसून के पहुंचने और फिर उसकी धीमी गति के कारण कम बारिश का संकट बना हुआ है।


इधर, ऐसे समझें MP में मानसून
इस बीच पिछले चौबीस घंटों में इंदौर संभाग के झाबुआ सहित अन्य कई स्थानों तथा शहडोल और जबलपुर संभाग में नौगांव, सिंगरौली, हनुमना में प्री-मानसून की वर्षा हुई है। वहीं सोमवार को भी बालाघाट और जबलपुर में हल्की वर्षा हो रही है जबकि इंदौर में भी मानसून पूर्व की बारिश हो रही है।

 

अच्छी रफ्तार पर मानसून:
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून और आगे बढ़ गया है। सोमवार मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्से मराठवाड़ा का अधिकांश हिस्से और विदर्भ के कुछ भाग तथा उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में आगे बढ़ा है।

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दक्षिण पश्चिम मानसून की सीमा रत्नागिरी अहमदनगर औरंगाबाद नागपुर पेंड्रा वाराणसी बहराइच है। आगामी 48 घंटों में दक्षिण पश्चिम मानसून के और आगे बढ़ने की संभावना है जिसमें अरब सागर के मध्य भाग कोंकण मध्य महाराष्ट्र मराठवाडा विदर्भ और छत्तीसगढ, उत्तरी अरब सागर की कुछ भाग दक्षिणी गुजरात एवं मध्य प्रदेश तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल है।

ऐसे प्रभावित हो रहा मौसम…
मौसम विभाग से रिटायर्ड शर्मा के अनुसार उत्तरी छत्तीसगढ़ में हवा की ऊपरी भाग में 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक चक्रवाती हवा का घेरा बना हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण दिशा की ओर झुका हुआ है।

इसके अलावा एक द्रोणिका पश्चिमी राजस्थान से उत्तर बंगाल की खाड़ी तक समुद्र की सतह पर बना हुआ है। जो मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ एवं उड़ीसा से होकर गुजर गुजर रही है जो 0.9 किलोमीटर की ऊंचाई तक बना हुआ है।

वहीं एक हवा की ऊपरी भाग में चक्रवाती हवा का घेरा जो ऊंचाई के साथ दक्षिण पूर्व दिशा की ओर झुका हुआ है। यह समुद्र तटीय कर्नाटक और उसके आसपास 3.1 एवं 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है।

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इनके लिए अच्छी खबर
माना जा रहा है मानसून के देरी से पहुंचने के बावजूद यह सप्ताह सूखे से जूझ रहे क्षेत्रों के लिए अच्छी खबर ला सकता है। मध्य भारत और दक्षिण भारत के जिन हिस्सों में सूखे का संकट है, उनके लिए इस सप्ताह बारिश अच्छी खबर लेकर आ रही है। बिहार में भी बारिश के साथ तपती गर्मी से कुछ राहत तो मिलेगी ही, चमकी बुखार पर भी नियंत्रण में कुछ राहत मिलने का भी अनुमान है।

मराठवाड़ा और विदर्भ के लिए राहत…
मराठवाड़ा और विदर्भ दोनों ही क्षेत्र सूखाग्रस्त हैं और पानी के संकट से जूझ रहे हैं। रविवार को दोनों ही हिस्सों में बारिश हुई और लोगों के लिए यह राहत की खबर है। मध्य महाराष्ट्र, रायलसीमा, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके छत्तीसगढ़, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में मॉनसून सक्रिय है। कर्नाटक, तेलंगाना, पश्चिमी मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी रविवार को अच्छी बारिश हुई।

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